Gaya News : विलुप्त होती लोक व जनजातीय कला की किलकारी के मंच से शानदार प्रस्तुति
Gaya News : लोक व जनजातीय कला उत्थान महोत्सव का आयोजन शुक्रवार को किलकारी बिहार बाल भवन में किया गया.
गया. लोक व जनजातीय कला उत्थान महोत्सव का आयोजन शुक्रवार को किलकारी बिहार बाल भवन में किया गया. कार्यक्रम का उद्घाटन रेल अंचल गया के पुलिस निरीक्षक सुशील कुमार व किलकारी बिहार बाल भवन के प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक राजीव रंजन श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलित कर किया. जनजातीय कला एवं विलुप्त हो रही कलाओं को लेकर चिंता जाहिर करते हुए प्रमंडल कार्यक्रम समन्वयक ने कहा कि बिहार में कई तरह की कलाएं मौजूद हैं. ऐसी कलाओं को संरक्षित और संवर्धित करने की जरूरत है. हमारे यहां कई कलाएं विलुप्त हो रही हैं, जो हमारी पहचान व हमारी धरोहर हैं. इनको सुरक्षित रखने की जिम्मेदारी भी हमारी है. इस तरह के कार्यक्रम के माध्यम से लोक कलाओं को बचाने का काम कर रही है. रेल डीएसपी सुशील कुमार ने कहा कि इस तरह की कलाओं को विकसित होने का हर तरीके से अवसर प्रदान होना चाहिए. युवा इन कलाओं से परिचित हो इसके लिए गया के कलाकार का बहुत बड़ा योगदान है. मौके पर संदीप कुमार सिंह, दिनेश कुमार, गोपाल, अखिलेश राय, पिंटू कुमार, कार्यक्रम पदाधिकारी अनुभवी सिन्हा, महमूद आलम, कल्पना कुमारी, निशि खान, अंजली कुमारी, प्रियंका कुमारी, प्रवीण कुमार, सुरेंद्र कुमार व गौतम कुमार व अन्य थे.
जट- जटिन लोकनाट्य, झिझिया व अन्य की दी प्रस्तुति
बच्चों ने कई तरह के कार्यक्रमों की प्रस्तुति दी. बिहार की लोक गाथा को लेकर मूल गया के निवासी शिवपूजन सहाय ने कुछ लोक गाथाओं की मंच से प्रस्तुति दी. वहीं पूर्वी लोग गायन जनक महेंद्र मिश्रा की रचनाओं को भी उन्होंने लोगों को सुनाया. बिहार की प्रसिद्ध लोक नृत्य झिझिया के विविध रूप मंच पर देखने को मिला. बिहार की ही जट- जटिन लोकनाट्य की बेहतर प्रस्तुति से समा बांध दिया. बिहार में शादियों के मौके पर महिलाओं के बीच डोमकच की परंपरा सदियों पुरानी रही है. कलाकारों द्वारा डोमकच लोक नृत्य की प्रस्तुति भी देखने को मिली. नन्हें कलाकार इशिका ने मंच पर शिव तांडव नृत्य की प्रस्तुति दी. रिया कुमारी समूह के द्वारा लोकगीत की भी प्रस्तुति दी.
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