Gaya News : एनआइए की टीम पहुंची गया सेंट्रल जेल, माओवादी नेता हिमांशु से घंटों पूछताछ
Gaya News : ष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की छह सदस्यीय टीम रविवार को गया पहुंची और सेंट्रल जेल में बंद भाकपा-माओवादी संगठन के शीर्ष नेता हिमांशु उर्फ मंदीप उर्फ मतला से घंटों पूछताछ की.
गया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआइए) की छह सदस्यीय टीम रविवार को गया पहुंची और सेंट्रल जेल में बंद भाकपा-माओवादी संगठन के शीर्ष नेता हिमांशु उर्फ मंदीप उर्फ मतला से घंटों पूछताछ की. जानकारी के अनुसार, नक्सली हिमांशु औरंगाबाद जिले का रहनेवाला है. वह लंबे समय से पटना के बेऊर जेल बंद था. लेकिन, कुछ ही महीने पहले बेऊर जेल से उसे गया सेंट्रल जेल में ट्रांसफर किया गया था. हालांकि, सेंट्रल जेल में बंद नक्सली हिमांशु से पूछताछ करने के पहले एनआइए पूरी तैयारी के साथ आयी थी. इससे पूछताछ करने को लेकर एनआइए के अधिकारियों ने कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी और कोर्ट से अनुमति मिलने के बाद ही एनआइए की टीम गया सेंट्रल जेल पहुंची. करीब दो घंटों तक एनआइए के अधिकारियों ने नक्सली हिमांशु से एक बंद कमरे में लंबी पूछताछ की. हालांकि, इस दौरान किन-किन बिंदुओं पर पूछताछ हुई है, इसका खुलासा नहीं हो सका है. इस पूछताछ में पटना व लखनऊ एनआइए की टीम शामिल थी.
एक बार फिर एनआइए के निशाने पर रॉकी यादव, सेंट्रल जेल में बंद रहने के दौरान नक्सलियों से संबंध के बारे में खंगाल रही कुंडली
आदित्य सचदेवा हत्याकांड में लगातार कई वर्षों तक पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के बड़े बेटे राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी यादव गया सेंट्रल जेल में बंद था. इस दौरान भाकपा-माओवादी के शीर्ष नेता बांकेबाजार-बाबूरामडीह के रहनेवाले संदीप यादव का भाई बुटाली यादव सहित कई शीर्ष नेता सेंट्रल जेल में बंद थे. जेल से रॉकी यादव के रिहा होने के कुछ ही महीने के बाद विगत 19 सितंबर को भाकपा-माओवादी संगठन से सांठ-गांठ के मामले में एनआइए की टीम ने गया शहर के एपी कॉलोनी स्थित पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी व रॉकी यादव के आवास पर छापेमारी कर चार करोड़ तीन लाख 68 हजार 940 रुपये और 10 अत्याधुनिक हथियार सहित 27 प्रकार को सामान जब्त किये थे. यह छापेमारी एनआइए ने 2023 में औरंगाबाद के गोह थाना व गया जिले के टिकारी थाना में दर्ज हुए दो नक्सली घटनाओं को केंद्र बिंदु में रख कर की थी. इसमें आरोप लगाया गया है कि मगध रेंज में भाकपा-माओवादी संगठन को पुनर्जीवित करने को लेकर एक बार फिर से प्रयास किया जा रहा है. इसमें पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी व रॉकी यादव की भूमिका संदिग्ध है. इसी आरोप को लेकर एनआइए ने पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी के करीबी राजू जाट के कोंच व डेल्हा स्थित ठिकाने पर छापेमारी कर चुकी है. लेकिन, इसी दौरान दो अक्तूबर को रॉकी यादव ने सीबीआइ से शिकायत की कि जांच-पड़ताल के नाम पर एनआइए के डीएसपी अजय प्रताप रिश्वत मांग रहे हैं. इसी मामले में रिश्वत लेते हुए डीएसपी अजय प्रताप व उनके साला हिमांशु सिंह और ड्राइवर दीपू सिंह को गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआइ के द्वारा की गयी कार्रवाई से एनआइए में खलबली मच गयी और अब भाकपा-माओवादी संगठन से मनोरमा देवी व रॉकी यादव के कनेक्शन की जांच में तेजी ले आयी है. इसी क्रम में एनआइए की टीम गया सेंट्रल जेल पहुंची और यह पता लगाने में जुटी है कि सेंट्रल जेल में बंद रहने के दौरान रॉकी यादव किन-किन भाकपा-माआवोदी संगठन के शीर्ष नेताओं को हर प्रकार की मदद पहुंचाता था.
गया जिले के 77 लोगों को एनआइए थमा चुकी है समन
पुलिस सूत्रों के अनुसार, मनोरमा देवी, रॉकी यादव व राजू जाट सहित गया जिले के 77 लोगों को एनआइए ने समन जारी कर अपने दफ्तर में बुला कर पूछताछ कर चुकी है. यह सिलसिला 2023 से ही जारी है. आलम तो यह है कि अब सीबीआइ के हाथों एनआइए के डीएसपी अजय प्रताप की गिरफ्तारी होने के बाद उन 77 लोगों ने अब मुंह खोलना शुरू कर दिया है कि कैसे एनआइए के डीएसपी उनसे व्यक्तिगत मुलाकात करने गया सर्किट हाउस में आते थे और उनका इरादा निजी स्वार्थ की पूर्ति को लेकर होता था. इसमें ऐसे राजनेता भी शामिल हैं, जो विधान परिषद के सदस्य चुके हैं और नक्सलग्रस्त इलाके में लंबे समय तक ठेकेदारी भी की.
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