Gaya News : जिस ने पढ़ लयी वाणी तेरी, स्वर्ग दा राह पाया…

Gaya News : गुरुनानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा रोड स्थित गुरुद्वारे से गुरुवार को ढोल-बाजे के साथ भव्य नगर कीर्तन निकाला. इससे पहले गुरुद्वारा में भी विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ.

By Prabhat Khabar News Desk | November 14, 2024 11:05 PM
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गया. गुरुनानक देव जी महाराज के प्रकाश पर्व पर गुरुद्वारा रोड स्थित गुरुद्वारे से गुरुवार को ढोल-बाजे के साथ भव्य नगर कीर्तन निकाला. इससे पहले गुरुद्वारा में भी विविध कार्यक्रमों का आयोजन हुआ. नगर कीर्तन गुरुद्वारा से निकलकर गुरुद्वारा रोड, स्टेशन रोड, बाटा मोड़, स्वराज्यपुरी रोड, डाकबंगला रोड, जीबी रोड, लहरिया टोला, टिकारी रोड सहित कई अन्य मुहल्ले से होते हुए वापस गुरुद्वारा पहुंचकर समाप्त हुआ. नगर कीर्तन जिस रास्ते होकर गुजर रहा, वहां के स्थानीय लोग गुरुनानक देव जी महाराज के रथ व नगर कीर्तन में शामिल श्रद्धालुओं पर फूलों की वर्षा कर रहे थे. नगर कीर्तन में काफी संख्या में सिख धर्म से जुड़े लोग शामिल थे. श्री गुरुद्वारा प्रबंधन कमेटी के अध्यक्ष शरब सिंह व महिला संगठन की अध्यक्ष गुरविंदर कौर ने बताया कि गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व पर तीन नवंबर से लगातार 11 दिनों तक प्रभातफेरी आयोजित हुई. इसके शहर में भव्य नगर कीर्तन निकाला गया. इस अवसर पर शहर में कई जगहों पर विभिन्न संगठनों के कार्यकर्ता अलग-अलग लंगर का स्टॉल लगाकर नगर कीर्तन में शामिल श्रद्धालुओं की सेवा की. श्री सिंह ने बताया कि 15 नवंबर को गुरुद्वारे में गुरुनानक देव जी का प्रकाश पर्व धूमधाम से मनाया जायेगा. सुबह में जालंधर से आये रागी जत्था कीर्तन दीवान सजायेंगे व गुरु की वाणी से संगत को निहाल करेंगे. दोपहर में लंगर का अरदास होगा. शाम में आरती होगी. कीर्तन दीवान सजेगा. अखंड पाठ की समाप्ति होगी.

वर्ष 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को तलवंडी में जन्मे थे नानक

गुरु नानक देव जी सिख धर्म के पहले गुरु थे. उनका जन्म वर्ष 1469 में कार्तिक पूर्णिमा को पंजाब (पाकिस्तान) के तलवंडी गांव में हुआ था. गुरु नानक देव जी के अनुयायी उन्हें नानक, नानक देव जी, बाबा नानक व नानकशाह नामों से भी बुलाते हैं. गुरु नानक देव जी ने अत्यधिक तपस्या व भोग-विलास से दूर रहने की शिक्षा दी थी. गुरु नानक देव जी ने करतारपुर साहिब नाम का एक शहर बसाया था. गुरु नानक देव जी ने गुरु ग्रंथ साहिब में 974 भजनों का योगदान दिया था.

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