गया. जिले के 13 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के राज्यस्तरीय नेशनल क्वालिटी एश्यूरेंस स्टैंडर्ड सर्टिफिकेशन के लिए आवेदन कर दिया गया है. कुल 41 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन का लक्ष्य रखा गया है. चरणबद्ध तरीके से इन सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का एनक्यूएएस सर्टिफिकेशन कराया जायेगा. राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक प्रमाणीकरण के लिए चार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों को भी शामिल किया गया है. वहीं मंगलवार को स्वास्थ्य विभाग के राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी- क्वालिटी की ओर से वर्चुअल माध्यम से हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर का मूल्यांकन किया गया है. डीपीएम स्वास्थ्य नीलेश कुमार ने बताया कि जिले के 13 हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों के राज्यस्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए आवेदन किया गया है. इनमें कोंच प्रखंड का चंदौनी तथा तुतराखी, मानपुर का बंधुआ, बेलागंज का बरैनी तथा पनारी, इमामगंज का बिकोपुर तथा मंझौली, बोधगया का जानीबिगहा, डोभी का कुरमावां, परैया का कोसडीहा, गया सदर का कोरमा, आमस का नारायणपुर तथा नीमा हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर शामिल हैं. उन्होंने बताया कि प्रमाणीकरण के लिए इन सभी हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों पर एनक्यूएएस मानकों के अनुसार आधारभूत संरचनाओं और स्वास्थ्य सेवाओं की व्यवस्था की गयी है. पर्याप्त संख्या में स्वास्थ्यकर्मी नियुक्त किये गये हैं. स्वास्थ्य विभाग की आंतरिक मूल्यांकन टीम द्वारा मूल्यांकन कार्य के बाद राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के नेशनल हेल्थ सिस्टम रिसोर्स सेंटर की ओर से स्वास्थ्य संस्थानों पर गुणात्मक सेवाओं की उपलब्धता व इसके प्रमाणीकरण की प्रक्रिया के लिए बनाये गये सक्षम पोर्टल पर आवेदन किया गया है.
एसपीओ- क्वालिटी ने किया वर्चुअल मूल्यांकन
मंगलवार को हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर के राज्य स्तरीय एनक्यूएएस प्रमाणीकरण के लिए वर्चुअल मूल्यांकन किया गया है. वीडियो कॉल के माध्यम से आवेदन किये गये हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर पर पदस्थापित कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर से राज्य कार्यक्रम पदाधिकारी-क्वालिटी की ओर से आवश्यक सवाल जवाब किये गये हैं. इस दौरान सभी प्रकार के दस्तावेजों, आधारभूत संरचानओं और सुविधाओं के बारे में जानकारी ली गयी है.12 मानकों के आधार पर सर्टिफिकेशन
हेल्थ एंड वेलनेस सेंटरों का राष्ट्रीय गुणवत्ता आश्वासन मानक सर्टिफिकेशन 12 मानकों के आधार पर किया जाता है. स्वास्थ्य संस्था द्वारा सेवाओं की उपलब्धता, मरीजों की संतुष्टि, क्लीनिकल सर्विसेस, इनपुट, संक्रमण नियंत्रण, सपोर्ट सर्विसेस, गुणवत्तापूर्ण प्रबंध, आउटपुट जैसे मानकों की गुणवत्ता का मूल्यांकन किया जाता है. मानकों के आधार पर मूल्यांकन में खरा उतरने वाले स्वास्थ्य संस्थानों को केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय की ओर से गुणवत्ता प्रमाणपत्र जारी किया जाता है.
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