गया. आंबेडकर मार्केट स्थित जिला पर्षद के सभागार में जिला परिषद बोर्ड की सामान्य बैठक शनिवार को हुई. बैठक की अध्यक्षता अध्यक्ष नैना कुमारी ने की. अध्यक्ष की अनुमति पर उपाध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद यादव ने गत बैठक की संपुष्टि पर सदन से राय मांगी. इस पर ललन कुमार चौधरी, वीरेंद्र साव, कुंदन कुमार, बालेश्वर यादव, शरीफा देवी, रवींद्र राम सहित कई सदस्यों ने बताया कि पूर्व की बैठक में जो शिकायतें दर्ज करायी गयी थीं, उसमें किसी तरह की कार्रवाई नहीं हुई. वहीं दूसरी तरफ वजीरगंज से निर्वाचित जिला पर्षद नागमणि सिंह ने कहा कि उनके द्वारा दिये गये एक भी योजना पर काम नहीं हुआ है.सदस्य कुंदन कुमार ने भी सदन में मौजूद विभागों के पदाधिकारियों से पूर्व में दर्ज करायी गयी शिकायतों के बारे में जानकारी मांगी तो संबंधित विभाग के पदाधिकारी की जगह उनके प्रतिनिधि मौजूद थे जो उनके सवालों का जवाब नहीं दे पा रहे थे. इसके कारण अनुपस्थित सभी विभागों के पदाधिकारियों के प्रतिनिधियों को स्वयं से बाहर निकाल दिया गया. अधिकतर विभागों के पदाधिकारी के अनुपस्थित रहने से गत बैठक की संपुष्टि आधी अधूरी हो सकी. पर्षद सदस्यों द्वारा विद्यालयों की कमियों को लेकर पूर्व की बैठक में दिये गये शिकायतों के विषय में जब जानकारी मांगी गयी तब डीइओ की जगह जब उनके प्रतिनिधि जवाब देने के लिए खड़े हुए तब शोर शराबा शुरू होने लगा. पार्षदों की मांग पर उपाध्यक्ष डॉ शीतल प्रसाद यादव ने निंदा प्रस्ताव लाते हुए डीडीसी से जिला शिक्षा पदाधिकारी के खिलाफ विधि संवत कार्रवाई करने की मांग की. जिला मत्स्य पदाधिकारी द्वारा प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना से सदन को अवगत कराया गया. सदस्यों ने अपने-अपने क्षेत्र में व्याप्त शिक्षा, स्वास्थ्य, आंगनबाड़ी, नाली, गली, सड़क, पेयजल व अन्य जन समस्याओं से सदन को अवगत कराया. अधिकतर पर्षद सदस्यों ने सदन को बताया कि संबंधित विभागों के पदाधिकारियों की उपेक्षा पूर्ण रवैया के कारण उनके क्षेत्र के लोग बुनियादी समस्याओं से आज भी जूझ रहे हैं. बोर्ड की बैठक में मगध मेडिकल कॉलेज के सुपरिंटेंडेंट के नहीं आने के कारण सदस्यों द्वारा स्पष्टीकरण की मांग अध्यक्ष-उपाध्यक्ष से की गयी. इस पर अध्यक्ष नैना कुमारी ने डीडीसी को आवश्यक कार्रवाई करने का निर्देश दिया.
विधानसभा में पार्षदों की बात को रखने का दिया आश्वासन
विधायक मनोरमा देवी ने अपने संबोधन में कहा कि पर्षद सदस्यों की मांग जायज है. क्षेत्र में विकास का काम नहीं होने से जनता का विश्वास टूट सकता है. उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि जरूरत पड़ी तो जिले की समस्या विधानसभा की बैठक में रखी जायेगी. साथ ही उन्होंने डीडीसी से जिले में विकास की गति को और तेज करने के लिए प्रखंड स्तर पर पर्षद सदस्यों के लिए कार्यालय खोलने का प्रस्ताव लाया जिस पर सदन ने भी मोहर लगा दी. विधायक ने जिले में खराब पड़ी सभी हाई मास्ट व स्ट्रीट लाइटों को ठीक कराने का सुझाव भी दिया.
लीज नीति 2024 पर हुआ विचार विमर्श
जिला पर्षद की खाली जमीन व दुकानों की बंदोबस्ती व लीज नीति पर बैठक में विचार विमर्श किया गया. इस पर जिला अभियंता ने बताया कि लीज नीति 2024 के तहत कृषि कार्य के लिए कम से कम तीन व व्यावसायिक कार्य के लिए अधिकतम पांच वर्ष तक लीज देने का प्रावधान है. वहीं कई पर्षद सदस्यों ने परती जमीन पर दुकान बनाने व अन्य व्यावसायिक उपयोग के लिए काम करने का सुझाव दिया.
भुगतान का छाया रहा मुद्दा
षष्टम वित्त आयोग, पंचम वित्त योजना आयोग, 15 वीं वित्त योजना वर्ष 2020-21, 22-23, 23-24 में किये गये योजनाओं की बकाया राशि के भुगतान को लेकर सदन में काफी चर्चा हुई. लंबित बकाया भुगतान को लेकर पर्षद सदस्य सुरेश यादव ने अपनी बात रखी. उन्होंने सदन को बताया कि जो संवेदक है, उन्हीं से जांच कराया जा रहा है, जिससे भुगतान में विलंब हो रही है.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है