गया. नेशनल सिक्यूरिटी गार्ड (एनएसजी) में लंबे समय तक कामकाज कर केंद्रीय प्रतिनियुक्त से विमुक्त होकर बिहार लौटे 2001 बैच के आइपीएस शालीन मंगलवार को बोधगया पहुंचे. बतौर एसटीएफ आइजी के रूप में बहुत ही बारीकी से महाबोधि मंदिर की सुरक्षा का जायजा लिया. मौके पर मौजूद मगध रेंज के आइजी क्षत्रनील सिंह व एसएसपी आशीष भारती के साथ महाबोधि मंदिर के चारों तरफ घूम-घूम कर निरीक्षण किया और सुरक्षा से संबंधित महाबोधि मंदिर परिसर में लगाये गये स्कैनर सहित अन्य मशीनों के बारे में संबंधित अधिकारियों से पूछताछ की. हालांकि, इस दौरान एसटीएफ आइजी ने महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को और दुरुस्त करने को लेकर कई बिंदुओं पर निर्देश दिया. इससे पहले एसटीएफ आइजी ने गया-डोभी रोड में टेकुना के पास स्थित बीएमपी तीन व एसटीएफ ट्रेनिंग सेंटर का जाजया लिया. वहां मौजूद बीएमपी तीन के कमांडेंट व एसटीएफ ट्रेनिंग सेंटर के प्रमुख को कई बिंदुओं पर निर्देश दिया. महाबोधि मंदिर, बीएमपी तीन व एसटीएफ ट्रेनिंग सेंटर का जायजा लेने के बाद आइजी शालीन ने बताया कि पिछले महीने केंद्रीय प्रतिनियुक्ति से बिहार लौटने के बाद राज्य सरकार ने उन्हें बीएमपी व एसटीएफ के आइजी के रूप में तैनात किया. पिछले सप्ताह आइजी के रूप में पदभार ग्रहण करने के बाद सबसे पहले गया आया हूं. गया में मगध रेंज के डीआइजी के रूप में कामकाज कर चुका हूं. देश-दुनिया के कोने-कोने से पर्यटक महाबोधि मंदिर का दर्शन करने आते हैं. आतंकी हमले के मद्देनजर महाबोधि मंदिर की सुरक्षा एक चुनौती है. साथ ही गया व आसपास के जिलों में नक्सलियों की सक्रियता को लेकर मगध जोन लंबे समय से काफी चर्चित रहा है. इस पर अंकुश लगाने में एसटीएफ की भूमिका हमेशा अग्रणी रहा है. इन्हीं कारणों से महाबोधि मंदिर की सुरक्षा का जायजा लिया और एसटीएफ ट्रेनिंग सेंटर में एक सेशन में 200 जवानों को ट्रेनिंग दिया जाता है, उस प्रशिक्षण का भी निरीक्षण किया.
सुरक्षा मानकों पर किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहे
महाबोधि मंदिर की सुरक्षा को और कड़ा करने को लेकर मगध रेंज के आइजी व एसएसपी को आवश्यक निर्देश दिया गया है. साथ ही महाबोधि मंदिर की सुरक्षा की समीक्षा भी की जायेगी, ताकि सुरक्षा मानकों पर किसी प्रकार की कोई कमी नहीं रहे. गौरतलब है कि सूबे में आइपीएस शालीन की चर्चा एक्टिव अधिकारियों में होती है. वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह की सुरक्षा लंबे समय तक तैनात रहे हैं. इसी दौरान 2015 में उनकी पोस्टिंग मगध रेंज के डीआइजी के रूप में हो गयी. सिर्फ 43 दिनों तक डीआइजी पद पर रहने के दौरान जीटी रोड पर लंबे समय से सक्रिय इंट्री माफियाओं पर अंकुश लगाया.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है