Gaya News : धूम्रपान व अधिक वजन भी हृदय रोग के मुख्य कारक

Gaya News : हृदय रोग से हाल के दिनों में अधिक लोग पीड़ित होने लगे हैं. इसका मुख्य कारण है कि स्वास्थ्य के प्रति अनदेखी. इनमें धूम्रपान व अधिक वजन भी मुख्य कारक हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | September 28, 2024 7:43 PM
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गया. हृदय रोग से हाल के दिनों में अधिक लोग पीड़ित होने लगे हैं. इसका मुख्य कारण है कि स्वास्थ्य के प्रति अनदेखी. इनमें धूम्रपान व अधिक वजन भी मुख्य कारक हैं. इसके साथ ही पेट के आसपास अतिरिक्त चर्बी जमा होना हृदय रोग के जोखिम का एक बड़ा संकेत है. उक्त बातें एएनएमएमसीएच के सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अमित कुमार ने विश्व हृदय दिवस के पूर्व संध्या पर कही. उन्होंने बताया कि पहले इस रोग के इलाज के लिए लोगों को बड़े शहरों में जाना पड़ता था. लेकिन, अब सरकार के प्रयास से जिलों में भी इसके इलाज व जांच की सुविधा उपलब्ध है. उन्होंने बताया कि 40 उम्र के बाद समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए. उन्होंने बताया कि हृदय रोग से बचने के लिए बीपी, शुगर, कॉलेस्ट्रॉल की जांच के साथ सही खानपान जरूरी है. उन्होंने बताया कि सीने में दर्द, सीने में जकड़न, सीने में दबाव और सीने में बेचैनी, जिसे एनजाइना कहा जाता है. सांस लेने में कठिनाई, गर्दन, जबड़े, गले, पेट के ऊपरी हिस्से या पीठ में दर्द. होने पर तुरंत ही डॉक्टर से संपर्क करें. हेल्दी डाइट लें, हार्ट एक्सरसाइज से मिलें, डायबिटीज को कंट्रोल करें, धूम्रपान न करें और शराब न पीएं, शरीर का वजन सही रखें,

सांस फूलने पर तकलीफ होना ह्रदय रोग के शुरुआती लक्षण

सांस फूलने पर तकलीफ होना ह्रदय रोग के शुरुआती लक्षण होते हैं. थकान और चलने पर सांस फूलने की समस्या आगे जाकर दिल के रोग में बदल जाता है. लंबे समय तक हाइ ब्लड प्रेशर, हाइ कोलेस्ट्रॉल, मोटापा, दिल का दौरा या दिल के वाल्व में समस्या होने से दिल को ज्यादा काम करना पड़ता है, इससे यह बीमारी हो सकती है. उक्त बातें एएनएमएमसीएच के सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में हृदय रोग विशेषज्ञ डॉ अबू हुरैरा ने कही. उन्होंने कहा कि इसके अलावा डायबिटीज और किडनी की बीमारी भी दिल को कमजोर बना सकती है. डॉ हुरैरा ने बताया कि हृदय रोग की जांच अब आसानी से हो रही है. हार्ट अटैक में मरीज को आधे घंटे या उससे ज्यादा छाती में दर्द होता है. दर्द बाएं हाथ की ओर जाता है और उसके साथ काफी पसीना आता है. अगर समय रहते इसका इलाज न हो वो कार्डियक अरेस्ट में तब्दील हो सकता है.

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