शेरघाटी. अनुमंडल पदाधिकारी, भूमि सुधार उपसमाहर्ता एवं नेशनल हाइवे के अधिकारी के द्वारा मंगलवार को शहर व ग्रामीण क्षेत्र के लोगों व प्रतिनिधियों के साथ अंडरपास बंद हो या खुला रहे, इसको लेकर आयोजित बैठक हंगामे की भेंट चढ़ गयी. पहले भूमि सुधार उपसमाहर्ता के द्वारा विचार रखे गये. व्यक्तिगत सुझाव पर कुछ लोगों का समर्थन आते ही कुछ लोगों ने मुखर विरोध किया. विरोध तेज होता देखकर अधिकारी बैठक से उठ कर चले गये. पुनः एसडीएम सारा अशरफ के आगमन पर नेशनल हाइवे के अधिकारी की उपस्थिति में बैठक शुरू हुई. इसमें अंडर पास बंद करने व खुला रखने वाले दोनों पक्ष को 10-10 मिनट में अपना पक्ष रखने का निर्देश दिया गया. तत्पश्चात भाजपा के जिला अध्यक्ष सह स्थानीय नगरवासी प्रेम प्रकाश उर्फ चिंटू सिंह ने कहा कि नेशनल हाइवे के प्रावधान के मुताबिक सड़क का निर्माण किया जाये. उन्होंने कहा कि अंडरपास के कारण दुर्घटना व छेड़छाड़ की घटना की आशंका बढ़ जाती है. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि नेशनल हाईवे के प्रावधान को बाईपास नहीं किया जा सकता है. साथ ही शहर को जाम से निजात दिलाने के लिए अंडरपास बंद करना आवश्यक है. पूर्व मुख्य पार्षद प्रतिनिधि विनय प्रसाद ने कहा कि बंद या खुला रखने के मामले में राजनीति नहीं होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि अगर अंडरपास खुला रखने की पहल की जा रही है तो उसे तीनों लेन में पूरा एक पाया के बराबर खुला रखा जाये, ताकि लोग सुरक्षित तरीके से इस पार से उस पार आ जा सकें. इस बीच दूसरे पक्ष के लोगों ने शोर शराबा करना शुरू किया. खुला रखने के समर्थन में सुशील कुमार गुप्ता, रघुनाथ प्रसाद गुप्ता ने कहा कि 2007 में जब नेशनल हाईवे का निर्माण चल रहा था तो जीटी रोड को आठ घंटा जाम कर अंडरपास खुला रखवाने का काम किया था. किसी भी परिस्थिति में अंडरपास बंद नहीं होना चाहिए. अंडरपास से पैदल बाजार आनेजाने वाले लोगों को सहूलियत होती है.
अंडरपास खुला रहता है या बंद बड़ा सवाल
शेरघाटी के प्रमुख नरेश कुमार, उप प्रमुख लालबहादुर शास्त्री, अजीत मिश्रा, राजू सिंह आदि ने भी अपने-अपने पक्ष रखने का प्रयास किया लेकिन हंगामा होते देख बैठक को बेनतीजा स्थगित कर दिया गया. आखिरकार नेशनल हाइवे के अधिकारी और एसडीओ ने बिना कोई निर्णय के बैठक समाप्त कर दिया. यही नहीं बैठक के दौरान एक समय ऐसा भी आया जब अधिकारियों ने सभा कक्ष में बैठे लोगों में से कुछ लोगों को हटाने का आदेश दिया. सभा कक्ष में बैठे लोग भड़क गए और बैठक में बुलाने पर एतराज जताया. आखिरकार मामला शांत हुआ. बाबजूद इसके बैठक बेनतीजा ही रही. एक पक्ष का कहना है कि पदाधिकारी जनहित में रखकर अपना फैसला लें. जबकि दूसरे पक्ष का कहना है कि किसी स्थिति में अंडरपास बंद नहीं होना चाहिए. अब देखना होगा कि अंडरपास खुला रहता है या बंद ? बैठक में जितेंद्र चौधरी, प्रमोद वर्मा, दीप नारायण प्रसाद, अरुण चंद्रवंशी, जीशान अफरीदी महमूद आलम आदि लोग मौजूद रहे.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है