गया. जिले में फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के तहत नाइट ब्लड सर्वे की शुरुआत करने की तैयारी को पूरा किया जा रहा है. कार्यक्रम को लेकर लैब टेक्निशियनों का प्रशिक्षण शिविर शुरू कर दिया गया है. बुधवार को एएएमएमसीएच के माइक्रोबायोलॉजी विभाग में औरंगाबाद जिले के 12 लैब टेक्निशयनों को नाइट ब्लड सर्वे को लेकर प्रशिक्षण दिया गया. वहीं गुरुवार को गया जिला के 34 लैब टेक्निशयनों को नाइट ब्लड सर्वे का प्रशिक्षण दिया जायेगा. प्रशिक्षण के दौरान डॉ संजय नाग ने बताया कि लोगों के बीच नाइट ब्लड सर्वे से पूर्व मोबिलाजेशन के माध्यम से माइक्रोफाइलेरिया का पता लगाने के लिए रक्त संग्रहण के बारे में बताएं. माइक्रोफाइलेरिया परजीवी की मौजूदगी के बारे में पता लगाने के लिए नाइट ब्लड सर्वे महत्वपूर्ण है. शरीर में मौजूद फाइलेरिया के परजीवी रात के समय अधिक सक्रिय होते हैं. उन्होंने कहा कि इसलिए नाइट ब्लड सर्वे रात के 8:30 बजे के बाद से किया जाता है. नाइट ब्लड सर्वे के लिए चयनित प्रखंड के दो सेशन साइट का चयन किया जायेगा. प्रत्येक साइट से 300 रक्त के नमूने लिये जायेंगे. किसी एक स्थल में माइक्रोफाइलेरिया दर एक या एक से अधिक होगा उस प्रखंड में सर्वजन दवा सेवन कार्यक्रम चलाया जायेगा. डॉ राजेश सिन्हा ने बताया कि रक्त संग्रहण के लिए साफ स्लाइड का ही उपयोग करें. रक्त संग्रहण के दौरान आवश्यक सामग्री होना सुनिश्चित करें. फाइलेरिया उन्मूलन के लिए केंद्र सरकार द्वारा वर्ष 2030 का लक्ष्य निर्धारित किया गया है. इस मौके पर माइक्रोबायोलॉजी के विभागाध्यक्ष डॉ संजय नाग, जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक, डॉ राजेश कुमार सिन्हा, डॉ रमेश कुमार, डॉ दीपक कुमार, डॉ रवि कुमार, अमित कुमार, अरुण कुमार आदि मौजूद थे.
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