Gaya News : चर्चा में रहा है विवेक यादव का पूरा परिवार
Gaya News : जदयू नेता की हत्या के मामले में हत्थे चढ़े विवेक यादव का परिवार 90 के दशक से ही चर्चा में रह रहा है. विवेक के पिता राजेंद्र यादव पहली बार 1995 में अतरी से विधायक बने थे.
गया. जदयू नेता की हत्या के मामले में हत्थे चढ़े विवेक यादव का परिवार 90 के दशक से ही चर्चा में रह रहा है. विवेक के पिता राजेंद्र यादव पहली बार 1995 में अतरी से विधायक बने थे. 2000 के चुनाव में भी जीत हासिल हुई और इसी दौरान जीत के जश्न में नीमचक बथानी अनुमंडल के दरियापुर गांव में गोली मार कर एक बच्ची की हत्या के मामले में उनपर केस दर्ज हुआ था. उस केस की मॉनीटरिंग तत्कालीन जोनल आइजी अभयानंद कर रहे थे और राजेंद्र यादव को जेल जाना पड़ा. 2005 में राजेंद्र यादव की पत्नी कुंती देवी अतरी से विधायक बनीं, लेकिन 2010 में हार मिली और जदयू नेता सह गया कॉलेज के प्रोफेसर कृष्णनंदन यादव विधायक बने. इसी बीच 26 फरवरी 2013 को अतरी विधायक प्रो कृष्णनंदन यादव के समर्थक सह जदयू नेता सुमिरक यादव पर बथानी बाजार में जानलेवा हमला हुआ और इलाज के दौरान उनकी मौत हो गयी. तब सुमिरक यादव के भाई विजय यादव के बयान पर उस समय पूर्व विधायक कुंती देवी, प्रमोद यादव, सुबोध यादव, रंजीत यादव व विवेक यादव सहित अन्य लोगों पर प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसी दौरान 2015 के चुनाव में कुंती देवी फिर विधायक बनीं, लेकिन 2020 में कुंती देवी के बेटे अजय कुमार उर्फ रंजीत यादव चुनाव मैदान में उतरे और जीत हासिल की. वहीं, जदयू नेता सुमिरक यादव की हत्या में गिरफ्तार हुईं पूर्व विधायक कुंती देवी की मौत कुछ वर्ष पहले जेल में हो गयी थी. कुछ महीने पहले प्रमोद यादव व सुबोध यादव भी एक मामले में गिरफ्तार हुए और अब उनका छोटा भाई विवेक यादव गिरफ्तार हुआ है.
गया सेंट्रल जेल से पूर्व विधायक राजेंद्र यादव को भागलपुर कराया गया है शिफ्ट
हाल में ही में बेलागंज विधानसभा उपचुनाव को लेकर सेंट्रल जेल में बंद पूर्व विधायक राजेंद्र यादव को यहां से हटा कर भागलपुर में स्थानांतरित कर दिया गया. सेंट्रल जेल में बंद रहने के दौरान अपने संबंधित थाना क्षेत्र के दारोगा से मोबाइल फोन से बातचीत करने के मामले में भी पूर्व विधायक राजेंद्र यादव कुछ महीने पहले चर्चा में आ गये थे. हालांकि, उस मामले में दारोगा के विरुद्ध छानबीन चल रही है. इधर, अब विवेक यादव की गिरफ्तारी से अतरी विधायक अजय कुमार उर्फ रंजीत यादव की मुश्किल बढ़ जायेगी. विवेक यादव के विरुद्ध दर्ज अन्य कांडों में रिमांड लेने व कोर्ट में लिखित सूचना देने से संबंधित प्रक्रिया को लेकर एसएसपी आशीष भारती ने पुलिस पदाधिकारियों को आवश्यक निर्देश दिया है.
पहली बार 2006 में विवेक यादव पर दर्ज हुई थी प्राथमिकी
प्रेसवार्ता में एसएसपी आशीष भारती के द्वारा उपलब्ध कराये गये विवेक यादव के आपराधिक इतिहास के अनुसार उसके विरुद्ध हत्या के प्रयास के मामले में नीमचक बथानी थाने में 30 मई 2006 को धारा 307, 325, 323 व 34 के तहत पहली एफआइआर दर्ज हुई थी. इसके बाद 15 नवंबर 2010 को नीमचक बथानी थाने में धारा 379, 341, 323 व 34 के तहत केस दर्ज किया गया. इसके बाद आठ जून 2011 को बथानी थाना कांड संख्या 29/11 दर्ज किया गया. इसके बाद जदयू नेता सुमिरक यादव की हत्या के मामले में 26 फरवरी 2013 को धारा 302 सहित अन्य धाराओं के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी. इसके बाद 27 फरवरी 2013 को हथियारों व कारतूसों की बरामदगी के मामले में नीमचक बथानी थाने में प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.
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