Gaya News : शहर के 27 घाटों पर व्रती देंगे छठी मइया को अर्घ
Gaya News : खरना का प्रसाद ग्रहण के साथ बुधवार को छठव्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू किया. फल्गु नदी सूर्यकुंड, घरों अथवा आसपास के कुएं व तालाबों से जल लाकर व्रतियों व उनके परिजनों ने खरना का प्रसाद बनाया.
गया. खरना का प्रसाद ग्रहण के साथ बुधवार को छठव्रतियों ने 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू किया. फल्गु नदी सूर्यकुंड, घरों अथवा आसपास के कुएं व तालाबों से जल लाकर व्रतियों व उनके परिजनों ने खरना का प्रसाद बनाया. इसके बाद प्रसाद को भगवान सूर्य सहित घरों में स्थापित अन्य देवी-देवताओं पर चढ़ा कर उनकी पूजा-अर्चना व आराधना कर ग्रहण किया. इसके साथ ही व्रतियों का 36 घंटे का निर्जला उपवास शुरू हो गया. इस मौके पर अपने सगे-संबंधियों, पड़ोसियों व परिचितों को आमंत्रित कर उन्हें खरना का प्रसाद दिया. ग्रामीण क्षेत्रों से सगे-संबंधियों व परिवारों के साथ आये काफी छठव्रती व श्रद्धालु विष्णुपद क्षेत्र में छठ व्रत का अनुष्ठान पूरा कर रहे हैं. विष्णुपद क्षेत्र के विवाह मंडप, देवघाट सहित आसपास के जगहों पर खरना का प्रसाद बनाया व ग्रहण किया. जानकारी हो कि चार दिवसीय छठ व्रत के तीसरे दिन सात नवंबर को छठव्रती व श्रद्धालु जिला प्रशासन द्वारा बनाये गये 27 छठ घाटों पर जाकर डूबते भगवान सूर्य को अर्घ दान व पूजन करेंगे. आठ नवंबर को उगते भगवान सूर्य को अर्घ दान, पूजन व पारण के साथ यह चार दिवसीय अनुष्ठान संपन्न होगा.
ब्राह्मणी घाट पर बनाया गया कुंड
छठ पूजा को लेकर जिला प्रशासन द्वारा फल्गु नदी सहित सभी 27 छठ घाटों व चिह्नित तालाबों को दुरुस्त कराया गया है. फल्गु नदी के केंदुइ घाट, आइटीआई घाट, देवघाट, पिता महेश्वर घाट, ब्राह्मणी घाट, महादेव घाट, सीढ़िया घाट, राय विंदेश्वरी घाट, धोबिया घाट, भास्कर घाट, दिनकर घाट, पंचधाम घाट, सीताकुंड घाट सहित अन्य सभी घाटों के साथ-साथ सूर्यकुंड, रुक्मिणी तालाब, राम कुंड, रामशिला घाट व चिह्नित अन्य तालाबों पर छठ व्रतियों व आम श्रद्धालुओं के लिए प्रशासनिक स्तर पर समुचित साफ-सफाई के साथ-साथ चेंजिंग रूम, लाइट, सुरक्षा व अन्य जरूरी बुनियादी सुविधाओं की समुचित व्यवस्था करायी गयी है. वहीं इनमें से अधिकतर घाटों पर स्थानीय नागरिकों व सामाजिक संगठनों के कार्यकर्ताओं द्वारा भी छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं के लिए पीने के लिए आरओ का पानी, चाय, शरबत की नि:शुल्क व्यवस्था करायी जायेगी. भव्यता के लिए अधिकतर छठ घाटों के बाहर तोरण द्वार भी बनवाया जा रहा है. साथ ही रंग-बिरंगे बल्बों से सजाया भी जा रहा है.
पूजा पंडालों में विराजमान हुए सूर्य भगवान व छठी मइया
शहर के कई मुहल्ले में अलग-अलग पूजा समितियाें द्वारा भगवान सूर्य व छठ मइया की मूर्तियां स्थापित की गयी है. वहीं कई पूजा पंडालों में स्थापित मूर्तियों को चलंत रूप दिया गया है. कोयरीबारी, फतेह बहादुर शिवाला रोड, नयी गोदाम सहित कई मुहल्ले में अलग-अलग पूजा समितियों द्वारा भगवान सूर्य व छठ मइया की चलंत मूर्तियां बैठायी गयी हैं, जिसका दर्शन पूजन पूजा समितियां से जुड़े कार्यकर्ताओं के साथ-साथ हर आने जाने वाले लोग भी करने लगे हैं. साथ ही पूजा पंडालों व आसपास सड़कों की भी साफ सफाई कराकर उसे रंग-बिरंगे बल्बों व आर्टिफिशियल फूलों से डेकोरेट किया गया है.
पानी का प्रवाह रहने से कई घाटों पर नहीं बनाया गया कुंड
छठ पूजा के दौरान फल्गु नदी के पूर्वी तट पर पानी का प्रवाह रहने से इस बार जिला प्रशासन द्वारा कई घाटों पर अस्थायी कुंड नहीं बनवाया गया है. जानकारी के अनुसार पिता महेश्वर घाट, महादेव घाट, ब्राह्मणी घाट, सीढ़िया घाट पर इस बार प्रशासनिक स्तर पर अस्थायी कुंड नहीं बनवाने के कारण इन घाटों पर आने वाले छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं को निर्जला उपवास में भी भगवान सूर्य का पूजन व अर्घ दान के लिए फल्गु नदी के पूर्वी तट पर जाने के लिए लंबी दूरी तय करनी पड़ेगी. हालांकि ब्राह्मणी घाट पर छत व्रतियों व श्रद्धालुओं को होने वाले इस परेशानी से निजात के लिए स्थानीय वार्ड पार्षद संजय कुमार सिन्हा द्वारा नदी के बीच में ही चार अस्थायी कुंड बनवाया गया है. इस घाट पर आरओ का पानी व नि:शुल्क चाय की व्यवस्था भी इनके द्वारा छठ व्रतियों व श्रद्धालुओं को उपलब्ध करायी जायेगी.
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