गया. दो दिन पहले हुई नगर निगम बोर्ड की बैठक में 31 दिसंबर को रिटायर्ड हो रहे कनीय अभियंता शैलेंद्र कुमार सिन्हा को दोबारा संविदा पर रखने के लिए प्रस्ताव पारित किया गया. बोर्ड की बैठक में ही कई पार्षदों ने इसका विरोध किया. अब वार्ड 32 के पार्षद गजेंद्र सिंह व वार्ड 20 के पार्षद सह सशक्त स्थायी समिति सदस्य धर्मेंद्र कुमार ने उपनगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद को कनीय अभियंता की नौकरी के कार्यकाल में किये गये नियम के विरुद्ध काम की फेहरिस्त के साथ आवेदन सौंपा है. आवेदन में साफ तौर पर दोनों पार्षदों ने कहा है कि कनीय अभियंता पर कई तरह के मामले जांच के लिए लंबित हैं. इसके साथ ही पहले के नगर आयुक्त कंचन कपूर को झांसा में रखकर स्टेंडिंग से पास बताकर नाला सफाई की चिट्ठी निकलवायी थी. इसके बाद नगर आयुक्त से विभाग ने स्पष्टीकरण मांगा और उन्हें यहां से हटा दिया गया. निगम के स्टोर में पड़े पुराने सामान को बिना किसी सहायक के खुद ही फाइल को डील कर बेचवा दिया. इस पर भी नगर आयुक्त ने स्पष्टीकरण मांगा था. इसके अलावा इनके ऊपर करीब एक करोड़ रुपये एडवांस लेकर पैसों का समायोजन अब तक नहीं कराने का भी मामला है. दोनों पार्षदों ने कहा है कि कई बार बोर्ड व स्टेंडिंग की बैठक में कनीय अभियंता पर कई गंभीर आरोप लगाये गये हैं. अब तक ये प्रभारी सहायक अभियंता के पद पर काम कर रहे थे. इस संबंध में उपनगर आयुक्त श्यामनंदन प्रसाद ने बताया कि पार्षदों के पत्र की सूचना मिली है. पत्र में दिये गये तथ्यों की जांच व पढ़ने के बाद नगर आयुक्त को जानकारी उपलब्ध करा दी जायेगी. अंतिम फैसला नगर आयुक्त को लेना है.
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