गया में महिला को डायन बता जिंदा जलाया, गिरफ्तारी के डर से भागे ग्रामीण, पूरा गांव हुआ खाली

गया के एक गांव मविन एक महिला रीता देवी पर डायन का आरोप लगाकर उग्र भीड़ ने घर में जबरन घुस कर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी. इस घटना के बाद से परिजनों में डर का माहौल है. वहीं आरोपित लोग प्रशासन के डर से गांव छोड़ कर पलायन कर चुके हैं.

By Prabhat Khabar Digital Desk | November 14, 2022 4:10 PM
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गया के नक्सल प्रभावित क्षेत्र डुमरिया प्रखंड के मैगरा थाना क्षेत्र का पचमह गांव में भय का ऐसा माहौल व्याप्त है की पूरा गांव खाली हो चुका है. करीब 40 घरों की इस बस्ती में आज सन्नाटा पसरा हुआ है. गिरफ्तारी के डर से इस बस्ती में रहने वाले लोग अपने घरों में ताला लगाकर पलायन कर चुके है.

क्या है पुरी घटना 

बता दें कि पिछले 5 नवंबर को गांव की एक महिला रीता देवी पर डायन का आरोप लगाकर उग्र भीड़ ने घर में जबरन घुस कर केरोसिन छिड़ककर आग लगा दी थी. घटना के 45 दिन पहले गांव के एक युवक की हर्ट अटैक से मौत हो गई जिसपर ग्रामीणों ने महिला पर डायन होने का आरोप लगाया था. इसके पूर्व महिला को डायन साबित करने के लिए ग्रामीणों के द्वारा कई गावों में चंदा भी किया गया था. इकट्ठा किए गए चंदे से डेढ़ लाख रुपए में झारखंड से ओझा व भगत को बुलाया गया था. घटना के सुबह से पंचायत लगाई गई थी इस पंचायत में स्थानीय जन प्रतिनिधि नहीं सिर्फ ग्रामीण शामिल हुए थे. पंचायत में कुछ फैसला होता की इसके पूर्व उग्र सैकड़ों की भीड़ ने महिला के घर पर हमला बोल दिया. जबरन घर में घुसकर महिला के साथ मारपीट की गई और फिर उसे जिंदा जला दिया था.

परिजनों में भय का माहौल

घटना के बाद मृतक महिला रीता देवी के परिजनों में भय का माहौल है. उन्हें आशंका है की कहीं आरोपी ग्रामीण उनपर हमला न कर दे. वहीं उससे बचने के लिए पास के दूसरे गांव में अपने रिश्तेदार के यहां चले गए है. परिजनों के द्वारा 68 लोगों पर नामजद प्राथमिकी दर्ज की गई है तथा 200 अज्ञात पर प्राथमिकी दर्ज कराई है. जिसमें 14 लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जहां परिजनों उग्र ग्रामीणों के डर से घर छोड़कर चले गए है वहीं ग्रामीण पुलिस की गिरफ्तारी से बचने के लिए घर में ताला लगाकर पलायन कर चुके है.

मृतक के बेटे ने लगायी इंसाफ की गुहार 

वहीं मृतक के बेटे ने बताया की गांव वाले ने मेरी मां को डायन बोल बोल कर जिंदा जला दिया था और मेरे घर पर कुछ परिवार वाले आये हुए थे. ग्रामीणों ने उसके साथ भी मारपीट किया था जिनकी हालत अभी भी ख़राब है. अभी हम लोग गांव छोड़ कर दूसरे जगह पर रह रहे है क्योंकि हम लोगों में डर है कि जिस तरह से मेरी मां की हत्या की गई है कहीं उसी तरह से हम लोगों की भी हत्या न कर दी जाए. इसलिए हम लोग यहां से भाग कर दूसरे जगह रह रहे है. मेरे घर पर सैकड़ों की संख्या में लोगों ने हमला बोल कर घटना को अंजाम दिया था. अब यह सभी लोग प्रशासन के डर से गांव छोर कर भाग गए हैं. मगर मुझे लगता है की रात में यह लोग आते है और सरकार से गुहार लगाते है की जो भी दोषी हो उसे कड़ी से कड़ी सजा मिले और किसी भी दोषी को छोड़ा नहीं जाए.

पुलिस गिरफ़्तारी के लिए कर रही छापेमारी 

गया की एसएसपी हरप्रीत कौर ने बताया की इस घटना में हमने खुद घटना स्थल पर जा कर मुयायना किया था और पीड़ित परिवार से मिलकर तथा कुछ और ग्रामीणों से मिलकर घटना की बात चित कर जानकारी और ब्यान भी लिया है. सभी लोगों ने घटना की पुष्टि की है. मामले में दर्ज प्राथमिकी में 69 लोगों का नाम था जब हमने ब्यान लिया तो उन्होंने ने बताया की कुछ लोगों का नाम गलती से प्राथमिकी में दर्ज हो गया है और कुछ नाम छूट गया है तो हमने उनसे कहा है आप लिखित में नाम दे दे. एसएसपी ने बताया कि अब तक इस मामले में 14 लोगों की गिरफ्तारी हो चुकी है और बाकी आरोपी गांव छोड़ कर फरार है जिसके गिरफ्तारी के लिए छापेमारी की जा रही है वहीं पीड़ित परिवार के सुरक्षा के लिए भी इमामगंज डीएसपी और मैगरा थाने की पुलिस मामले में गिरफ़्तारी के लिए छापेमारी कर रही है. इसके साथ ही लोगों को जागरूक करने के लिए भी कहा गया है.

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क्या कहते हैं जीलाधिकारी 

गया के जिलाधिकारी त्याग राजन एस एम ने बताया की यह घटना बहुत ही दुखद है और अंधविश्वास की वजह से यह घटना हुई है. उन्होंने बताया कि पीड़ित परिवार को मुख्यमंत्री पारिवारिक लाभ के तहत 20 हजार रुपये का चेक प्रदान किया गया है. साथ में लेवर डिपार्टमेंट के तहत जांच के बाद उनको जो सहायता मिल सकती है उसके लिए भी प्रोसेस किया जा रहा है. इसके साथ ही डीएम ने एसडीओ को निर्देश दिया है कि इस तरह की घटना नहीं हो इसके लिए लोगों को जागरूक करें और जो लोग इस तरह की घटना कर रहे है वैसे लोगों को चिह्नित कर करवाई करें.

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