Gaya News: बढ़ती गर्मी के साथ ही भू-जलस्तर नीचे जाना शुरू हो गया है और पेयजल की समस्या बढ़ने लगी है. गया शेरघाटी प्रखंड की चांपी पंचायत के पहाड़ी क्षेत्रों खासकर समदा टोला, रानी चक, हुड़राही टांड़, संगमटांड़, लेम्बोइया, झौर-सलैया सहित पंचायत के विभिन्न गांवों में चापाकल बंद होने लगे हैं और नल-जल से मिलनेवाला पानी भी नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते पीने के पानी की समस्या होने लगी है.
सरकार के सात निश्चय योजना के तहत मिलने वाला पानी भी लोगों के घरों तक नहीं पहुंच पा रहा है. इससे पेयजल की समस्या लगातार बढ़ती जा रही है. कुछ दिनों से लगातार तापमान बढ़ने से आहर, पोखर और तालाब भी कब के सूख गये हैं. चापाकलों की मरम्मत के लिए पीएचइडी की ओर से टेक्निकल टीम को रवाना किया गया है, लेकिन अब तक बंद पड़े चापाकल चालू नहीं किये गये हैं.
पेयजल की किल्लत से ग्रामीण परेशान
मंगलवार को तापमान 42 डिग्री से अधिक रहा. चांपी के ग्रामीण लालू मंडल, उपेंद्र मंडल, कुंती देवी, मानती देवी, रामस्वरूप मांझी आदि ग्रामीणों ने कहा कि गर्मी के बीच पेयजल की समस्या बढ़ गयी है. यहां पर चापाकल और नल का जल सहारा था. लेकिन, जब से नदियों से बेहिसाब बालू का खनन होने लगा है, तब तापमान और बढ़ रहा है.
साथ ही उतनी ही तेजी से जलस्तर घट रहा है. इन दिनों चापाकलों से पानी नहीं निकल रहा है. इससे काफी परेशानी हो रही है. सरकार की तरफ से लगाये गये नल कहीं खराब पड़े हैं, तो कहीं पानी नहीं पहुंच रहा है. कुल मिलाकर पेयजल की समस्या से जूझ रहे हैं.
क्या कहते हैं ग्रामीण
कहते हैं कनीय अभियंता
चांपी पंचायत में दो नल जल योजना तकनीकी खराबी से बंद थी, उसे ठीक किया जा रहा है. एक योजना रानी चक में अधूरी है. उन्होंने बताया कि चापाकल की मरम्मत को लेकर मैकेनिक की टीम गांव में जाकर खराब पड़े हैंडपंप को ठीक कर रही है. साथ ही जहां-जहां नल-जल योजना में तकनीकी खराबी की सूचना मिल रही है, उसे भी ठीक करने का प्रयास किया जा रहा है.
शुभम कुमार, कनीय अभियंता