गया के विष्णुपद श्मशान घाट में खुले में हो रहा शवदाह, धुएं से धुंधला दिखने लगा गयाजी डैम

क्रिमिएशन मशीन लगाने व आसपास को विकसित करने में निगम से करीब छह करोड़ रुपये खर्च किये गये. सिर्फ यह सब प्रदूषण रहित शवदाह के लिए किया गया. लेकिन, इसका फायदा किसी को नहीं मिल रहा है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 26, 2022 4:23 AM

विष्णुपद श्मशान घाट में शवदाह के लिए नगर निगम की ओर से 10 क्रिमिएशन मशीनें लगायी गयीं. लेकिन, शुरू से ही यहां लोग शवदाह करने में कोई रुचि नहीं दिखायी. अब हालात है कि गयाजी डैम बनने के बाद नदी में पानी भरा है. किनारे पर कुछ बची जमीन में लोग शवदाह कर रहे हैं. नदी किनारे शवदाह होने से कुछ दूरी पर स्थित गयाजी डैम दिनभर धुंधला ही दिखता है. ठेकेदार की ओर से मशीन में शवदाह करने के लिए लोगों को प्रेरित करने के बजाय ठेकेदारी शुल्क बाहर में शवदाह करने वालों से वसूलने के प्रति अधिक ध्यान दिया जा रहा है. ताकि, टेंडर का पैसा वसूल हो सके.

क्रिमिएशन मशीन में नहीं जलाये जा रहे शव

श्मशान घाट में किसी को प्रदूषण फैलने की चिंता नहीं दिखती है. लोगों की शिकायत है कि ठेकेदार की ओर से बाहर शव जलाने वालों से भी 500 रुपये वसूले जा रहे हैं. क्रिमिएशन मशीन लगाने व आसपास को विकसित करने में निगम से करीब छह करोड़ रुपये खर्च किये गये. सिर्फ यह सब प्रदूषण रहित शवदाह के लिए किया गया. लेकिन, इसका फायदा किसी को नहीं मिल रहा है. लोगों को अब तक विश्वास नहीं हो पा रहा कि मशीन से शवदाह कम समय में हो जायेगा.

पैसा वसूली को लेकर हुआ है विवाद

श्मशान घाट के पास निगम की ओर से योजना पूरा करने के बाद गिने-चुने ही शवदाह मशीन से हो सके हैं. तरह-तरह की अफवाह यहां उड़ायी गयी. मशीन में लाश न जला कर बाहर में शवदाह करने वालों से भी पैसा वसूला जा रहा था. इसको लेकर भी विवाद शुरू हो गया. निगम अधिकारी ने इसमें पहल भी की. पोस्टर तक बाहर में हटाये गये. लेकिन, स्थिति नहीं सुधरी.

खुले में भी शवदाह बंद के लिए होगी कार्रवाई

नगर आयुक्त अभिलाषा शर्मा का कहना है कि श्मशान घाट में बहार शवदाह करने वालों से पैसा वसूली को साफ तौर पर मना कर दिया गया है. एग्रीमेंट के वक्त ही कुछ अधिक शब्द पेपर में लिखे गये हैं. अगली बोर्ड गठन होने के बाद इस मामले पर विचार किया जायेगा. पैसा वसूली को लेकर आगे शिकायत मिलती है, तो कानूनी कार्रवाई की जायेगी. लोगों को भी प्रदूषण रहित शवदाह के लिए आगे आना चाहिए.

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