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Sawan 2022 : गयासुर ने की थी बाबा फलकेश्वर नाथ मंदिर की स्थापना, सावन में जुटती है श्रद्धालुओं की भीड़

धर्म, अध्यात्म व साहित्य से जुड़े जानकारों की मानें तो इन मंदिरों के अलावा मार्कण्डेय शिव मंदिर, बाबा फलकेश्वर नाथ मंदिर, वृद्ध परम पिता महेश्वर शिव मंदिर, आदि पिता महेश्वर शिव मंदिर सहित भगवान शंकर की चार पीढ़ियों का इस मंदिर में वास है.

देश सहित पूरी दुनिया में पितरों की मोक्ष भूमि गयाजी धाम धार्मिक नगरी के रूप में स्थापित है. यहां का मां मंगला गौरी मंदिर देश की प्रमुख शक्तिपीठों में जहां शामिल है, वहीं विष्णुपद मंदिर में देश सहित पूरी दुनिया के लोग अपने पितरों को मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर यहां पिंडदान करते हैं.

भगवान शंकर की चार पीढ़ियों का यहां वास

धर्म, अध्यात्म व साहित्य से जुड़े जानकारों की मानें तो इन मंदिरों के अलावा मार्कण्डेय शिव मंदिर, बाबा फलकेश्वर नाथ मंदिर, वृद्ध परम पिता महेश्वर शिव मंदिर, आदि पिता महेश्वर शिव मंदिर सहित भगवान शंकर की चार पीढ़ियों का यहां वास है.

सालों भर इन मंदिरों में पूजा-अर्चना करते हैं श्रद्धालु

वैसे तो सालों भर इन मंदिरों में पूजा-अर्चना श्रद्धालु करते हैं. लेकिन, विशेषकर सावन महीने में शहर के अलावा जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के साथ-साथ सीमावर्ती जिलों के लोग भी यहां आकर भगवान शंकर की पूजा-अर्चना करते आ रहे हैं.

गयासुर ने की थी मंदिर की स्थापना 

फल्गु नदी के पश्चिमी तट स्थित ब्राह्मणी घाट पर बाबा फलकेश्वर नाथ मंदिर स्थापित है. इस मंदिर के पुजारी पंडित मनोज मिश्र ने बताया कि प्रथम सतयुग काल में गयासुर द्वारा इस मंदिर की स्थापना की गयी थी. उन्होंने बताया कि वैसे तो यहां सालों भर पूजा-अर्चना के निमित्त श्रद्धालुओं का आना-जाना होता है.

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देश विदेश से आते हैं श्रद्धालु 

सावन माह में विशेषकर प्रत्येक सोमवार को शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्रों के अलावा देश-विदेश से आने वाले पिंडदानी भी यहां आकर बाबा फलकेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना, आराधना व उपासना करते हैं. उन्होंने बताया कि मान्यता है कि बाबा फलकेश्वर नाथ की पूजा-अर्चना करने वाले श्रद्धालुओं को मनोवांछित फल की प्राप्ति होती है.

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