Bihar News: डीएम के आदेश के बाद भी रात में नहीं हुआ पोस्टमार्टम, शव रखने के लिए भी नहीं खुला रूम

गया के एएनएमसीएच डीएम के आदेश के बाद भी रात में शव का पोस्टमार्टम नहीं हो सका. औरंगाबाद सांसद की पहल पर डीएम ने आदेश जारी किया था. रात में किसी ने फोन तक नहीं उठाया, एफएमटी विभाग का दरवाजा भी बंद मिला. बच्ची के शव रखने के लिए भी पोस्टमार्टम रूम नहीं खुला. फिर सुबह में शव का पोस्टमार्टम हुआ

By Anand Shekhar | August 21, 2024 11:55 AM
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Bihar News: गया के एएनएमएमसीएच में शाम पांच बजे के बाद अगर किसी का पोस्टमार्टम कराना होता है तो विशेष परिस्थिति में एसएसपी की सूचना पर डीएम आदेश जारी करते हैं. इसके बाद रात में पोस्टमार्टम कराने का प्रावधान है. सोमवार को डीएम के आदेश के बाद भी रात में पोस्टमार्टम नहीं कराने का मामला प्रकाश में आया है.

पानी में डूबने के बाद हुई थी बच्ची की मौत

औरंगाबाद जिले के कसमा थाना क्षेत्र के गाजीकर्मा गांव के रहने वाले सिकंदर यादव की आठ वर्षीय बच्ची पिंकी कुमारी को पानी में डूबने के बाद एएनएमएमसीएच के शिशु रोग विभाग में भर्ती सोमवार को कराया गया. इलाज के दौरान कुछ ही देर बाद बच्ची की मौत हो गयी. इसके बाद औरंगाबाद के सांसद अभय कुशवाहा की पहल पर बच्ची के शव का पोस्टमार्टम रात में करने का आदेश पत्रांक-5291 से सोमवार की रात में डीएम कार्यालय से निकाला गया.

किसी ने नहीं उठाया फोन

डीएम ने आदेश में लिखा है कि विधि-व्यवस्था को ध्यान में रखते हुए शव का पोस्टमार्टम रात में समुचित प्रकाश व्यवस्था में संपन्न कराया जाये. परिजन ने बताया कि डीएम के आदेश के बाद पत्र लेकर इमरजेंसी में पहुंचे. सारी प्रक्रिया पूरी कर रात करीब 11:30 बजे शव को मर्चरी से निकाल कर अस्पताल कर्मचारी पोस्टमार्टम रूम ले गये. लेकिन, पोस्टमार्टम रूम में कोई मौजूद नहीं था. बहुत खोजबीन के बाद भी कर्मचारी का कोई पता नहीं चला. परिजन ने बताया कि उनके साथ थाने के पुलिसकर्मी कई बार अस्पताल के अधिकारी को फोन किये. लेकिन, किसी ने फोन तक नहीं उठाया. रातभर परिजन इधर-उधर भटकते रहे. सुबह में करीब सात बजे के बाद पोस्टमार्टम करने के लिए कर्मचारी व अन्य लोग पहुंचे. 

ऐसा पहले कभी नहीं हुआ

अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, रात में पोस्टमार्टम के लिए डीएम का आदेश निर्गत होने के बाद हर बार पोस्टमार्टम रात में ही कर दिया जाता रहा है. इस मामले में किसी तरह की लापरवाही नहीं बरती जाती थी. आखिर किसी स्तर पर चूक हुई है, यह जांच का विषय है. 

क्या कहते हैं पुलिस अधिकारी

मगध मेडिकल थाना के एसआइ कल्लू रजक ने बताया कि रात में करीब आठ बार पोस्टमार्टम करने वाले को फोन किया. उसके बाद भी एक बार फोन नहीं उठाया गया. परिजन के साथ वे भी परेशान होते रहे. सुबह में शव को पोस्टमार्टम रूम में लिया गया. उसके बाद पोस्टमार्टम सुबह में हो सका है. 

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किसी ने रात में नहीं दी सूचना

रात में किसी ने उन्हें इस बारे में सूचित नहीं किया है. डीएम के आदेश की सूचना मिलने के बाद तुरंत ही पोस्टमार्टम कराया जाता है. सुबह तक इस बात की जानकारी कार्यालय से उन्हें नहीं दी गयी है. इसकी जांच की जायेगी. किसी ओर से लापरवाही बरती गयी है. 

डॉ पीके सिन्हा, प्रभारी प्राचार्य, एएनएमएमसीएच
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