गया. बच्चों का डायरिया से बचाव करना जरूरी है. दस्त से शरीर में पानी व सूक्ष्म पोषक तत्वों की कमी हो जाती है. ऐसी स्थिति में तुरंत आशा या स्वास्थ्य केंद्र पर एएनएम से संपर्क करें. अभियान के दौरान आशा द्वारा पांच वर्ष तक के बच्चों वाले घरों में ओआरएस का पैकेट नि:शुल्क वितरण किया जायेगा. उक्त बातें सिविल सर्जन डॉ रंजन कुमार सिंह ने जिला में मंगलवार से स्टॉप डायरिया अभियान 2024 की शुरुआत करते हुए जेपीएन हॉस्पिटल में कही. उन्होंने कहा कि रोटा वायरस के संक्रमण के कारण डायरिया होता है. पांच वर्ष से कम उम्र के शिशुओं की मौत की एक बड़ी वजह डायरिया है. बच्चों को बाहरी दूध पिलाने से बचें. बच्चों को शौच के बाद और खाना खाने से पहले साबुन से हाथ धोने की जानकारी दें तथा इसका पालन करवाएं. माताएं खाना बनाने से पहले और शिशु के मल साफ करने के बाद हाथ साबुन से जरूर धोएं. उन्होंने कहा कि डायरिया से बचाव के लिए माताएं पूरी सफाई का ध्यान रखते हुए शिशुओं को नियमित स्तनपान कराती रहें. शिशु को जन्म के छह माह तक मां का दूध पिलाएं. छह माह के बाद शिशु को उम्र के अनुसार संपूर्ण पौष्टिक आहार खिलाना है. सिविल सर्जन ने कहा कि पांच साल तक हर छह माह पर विटामिन ए की खुराक देनी है. शिशु को रोटा वायरस और खसरा का टीकाकरण सही समय पर कराना है. दस्त हो जाने पर बच्चे को ओआएस का घोल पिलाने के साथ चौदह दिनों तक जिंक की गोली दें. आइसीडीएस डीपीओ ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ता व आशा से समन्वय स्थापित कर लोगों को डायरिया से बचाव के बारे में जानकारी देंगी. सभी प्रखंडों में स्थित प्राथमिक तथा सामुदायिक व अनुमंडल अस्पताल में मंगलवार से प्रारंभ होकर अभियान 22 सितंबर तक चलेगा. इस मौके पर आइसीडीएस डीपीओ डॉ रश्मि वर्मा, जिला प्रतिरक्षण पदाधिकारी डॉ राजीव अंबष्ट, यूनिसेफ से संजय कुमार, अजय चेरोबिम, पीरामल से अभिनव कुमार, शिक्षा विभाग के अधिकारी आदि मौजूद थे.
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