Gaya News: गया जिले में बरसात के आने के साथ ही डेंगू के प्रकोप से बचाव की तैयारी शुरू हो चुकी है. स्वास्थ्य विभाग और नगर निगम के साथ नगर पर्षद संयुक्त रूप से डेंगू से बचाव के लिए आमजन के बीच जागरूकता लायेंगे. साथ ही डेंगू चिह्नित क्षेत्रों में फॉगिंग तथा छिड़काव की जायेगी. स्वास्थ्य विभाग ग्रामीण क्षेत्रों में तथा नगर निगम शहरी क्षेत्रों में फॉगिंग करायेगा.
फॉगिंग और जरूरी तैयारियों पर रणनीति तैयार
जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बताया कि डेंगू के हॉट स्पॉट के रूप में पुलिस लाइन, मगध कॉलोनी, विष्णुपद मंदिर व मगध मेडिकल कॉलेज के आसपास के क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है. यहां पर बीते वर्ष में डेंगू के मामले सामने आये थे.
उन्होंने बताया कि डेंगू के प्रकोप से बचाव के लिए नगर निगम के सिटी मैनेजर आसिफ सेराज के साथ बैठक भी की गयी है. इस बैठक के दौरान डेंगू से बचाव के लिए जागरूकता लाने तथा डेंगू के मामले मिलने पर फॉगिंग तथा जरूरी तैयारियों पर बातचीत तथा रणनीति तैयार की गयी है. फतेहपुर प्रखंड के कंबियातरी तथा बाराचट्टी प्रखंड के देवरी डुमरी में फॉगिंग भी करायी गयी है.
डेंगू से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
डॉ हक ने बताया कि डेंगू मच्छर के काटने से बचने के लिए पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनें. मच्छरों के अधिक होने के समय जैसे सुबह और शाम में बाहर जाने से बचें. घर की सफाई का विशेष ध्यान रखें. मच्छरदानी का इस्तेमाल करें. रुके हुए पानी में मच्छर मारने वाली दवा का इस्तेमाल करें और आपने घर के आसपास गंदगी की सफाई करें.
घरों में पानी निकासी का रखें ध्यान
विश्व स्वास्थ्य संगठन के अनुसार दुनिया की लगभग आधी आबादी डेंगू के खतरे में हैं. हर साल 10 से चालीस करोड़ लोग डेंगू जैसे गंभीर रोग से संक्रमित होते हैं. मॉनसून के समय डेंगू का प्रकोप बढ़ जाता है. डेंगू संक्रमित मादा मच्छरों, मुख्य रूप से एडीज एजिप्टी मच्छर के काटने से इंसान में फैलता है. इसे हड्डी तोड़ बुखार भी कहते हैं. डेंगू होने पर तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर के जोड़ों और आंखों में दर्द, मतली और दाने होते हैं.
अमूमन यह एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाता है. लेकिन, कई लोगों को गंभीर रूप से डेंगू होता है. इससे जान को खतरा भी हो जाता है. डेंगू के मच्छर छत पर रखे खुले टैंकों, ड्रम, बैरल और इसी तरह के बर्तनों में जमा पानी में पनपते हैं. स्वास्थ्य विशेषज्ञों के अनुसार खुले बर्तनों, गमले या टायर आदि में पानी जमा नहीं होने दें.