गया. जिस रफ्तार से गर्मी बढ़ रही है, उससे भी तेज रफ्तार से बिजली खपत का लोड भी बढ़ रहा. बिजली वितरण से जुड़े उपलब्ध संसाधनों पर एकाएक लोड बढ़ने से उपभोक्ताओं की शिकायतें भी तेजी से बढ़ी हैं. इन शिकायतों को दूर करने में बिजली कर्मियों के पसीने छूट रहे हैं. करीब छह लाख की आबादी वाले इस शहर में एक लाख 60 हजार उपभोक्ता हैं. विभागीय आंकड़ों के अनुसार शहरी क्षेत्र में एक लाख 43 हजार 850 घरेलू, चार हजार कृषि, 12 हजार कॉमर्शियल व करीब 150 औद्योगिक उपभोक्ता हैं. जून महीने में गर्मी अधिक बढ़ने से इन उपभोक्ताओं द्वारा प्रतिदिन औसतन 185 मेगावाट बिजली की खपत की जा रही है. दिसंबर 2023 व जनवरी 2024 में प्रतिदिन औसतन केवल 70 मेगावाट बिजली की खपत हो रही थी. गर्मी शुरू होने के साथ अप्रैल महीने में खपत का लोड बढ़कर प्रतिदिन औसतन करीब 140 मेगावाट पहुंच गया था. अधिक खपत होने से शहर में लगे ट्रांसफाॅर्मर पर क्षमता से अधिक लोड बढ़ने के कारण तकनीकी खराबियों का आंकड़ा भी काफी बढ़ गया है. सामान्य दिनों में जहां 100 से 200 तक शिकायतें आती थीं, वहीं लोड बढ़ने के कारण शिकायतों की संख्या भी में भी बेतहाशा वृद्धि हुई है. इस भीषण गर्मी में प्रतिदिन औसतन 600 से अधिक शिकायतें उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज करायी जा रही है. उपभोक्ताओं को निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड द्वारा पूरे शहर में अलग-अलग क्षमता के कुल 1978 ट्रांसफाॅर्मर लगाये गये हैं. कंपनी का दावा है कि संबंधित क्षेत्र में उपभोक्ताओं द्वारा लिये गये निर्धारित लोड के अनुरूप क्षमता का ट्रांसफाॅर्मर लगाया गया है. गर्मी के कारण उपभोक्ताओं द्वारा बिजली का किये जा रहे अधिक खपत से ट्रांसफाॅर्मर पर अचानक लोड बढ़ जाने से फ्यूज उड़ने की सबसे ज्यादा शिकायतें दर्ज हो रही है. उपभोक्ताओं द्वारा दर्ज करायी जा रही शिकायतों को दूर करने के लिए तीन अलग-अलग शिफ्टों में कुल 172 बिजली कर्मी काम कर रहे हैं. प्रत्येक शिफ्ट में 52 नियमित व चार आउटसोर्सिंग से बिजली कर्मी उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करने में लगे हुए हैं. साउथ बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूशन कंपनी लिमिटेड के शहरी क्षेत्र के कार्यपालक अभियंता प्रेम कुमार प्रवीण ने बताया कि पावर कट की समस्या से जूझ रहे उपभोक्ताओं की शिकायतों को दूर करने व उन्हें निर्बाध बिजली उपलब्ध कराने के लिए विभाग द्वारा पूरे शहर में सघन सर्वे कराया गया है. सर्वे रिपोर्ट के आधार पर 100 मेगावाट क्षमता के चार ट्रांसफाॅर्मर को हटाकर उसकी जगह 200 मेगावाट की क्षमता का ट्रांसफाॅर्मर लगाया गया है. वहीं 200 मेगावाट की क्षमता के एक ट्रांसफाॅर्मर को हटाकर उसकी जगह पर 315 मेगावाट की क्षमता का लगाया गया है. उन्होंने बताया कि इसके अलावा शहर में जरूरत वाले क्षेत्रों में 10 अतिरिक्त ट्रांसफाॅर्मर भी लगाया जा रहा है. उन्होंने बताया कि इस अतिरिक्त ट्रांसफाॅर्मर के लग जाने से पावर कट की समस्या से उपभोक्ताओं को छुटकारा मिलने की उम्मीद की जा सकती है.
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