Gaya News: गया जिले में दिल्ली के तर्ज पर इलाज की सुविधा मिलने का इंतजार अब तक लोग कर रहे हैं. अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल (ANMMCH) परिसर स्थित सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के उद्घाटन का समय एक माह से अधिक हो चुका है. इसके बाद भी हॉस्पिटल में सभी स्वास्थ्य सेवाएं चालू नहीं हो पायी हैं. इतना ही नहीं, एमआरआइ की जरूरत होने पर मरीज को अस्पताल परिसर में पहले से चल रहे पीपीपी मोड पर सेंटर में पैसा देकर जांच करानी पड़ रही है, जबकि सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल में बेहतर क्वालिटी की एमआरआइ मशीन लगायी गयी है. यहां पर मरीजों के लिए अब तक जांच की सुविधा शुरू नहीं की गयी है.
हॉस्पिटल में लगाए गए हैं अत्याधुनिक उपकरण
अस्पताल से मिली जानकारी के अनुसार, एमआरआइ मशीन को सुरक्षित रखने में अब तक लाखों रुपये का बिजली बिल जरूर दिया गया है. हॉस्पिटल के अंदर कई अत्याधुनिक उपकरण के साथ लगभग संसाधन को लगा दिया गया है. यहां पर कई मॉडलर ओटी बनाये गये हैं. इसके अलावा मरीजों की जांच के लिए एमआरआइ व सीटी स्कैन आदि मशीनें भी लगायी गयी हैं. यहां पर ही मरीजों को जांच की सुविधा मिल जायेगी. ऐसा अब तक कयास लगाया जा रहा है.
इससे संबंधित मरीजों का होगा इलाज
इस बिल्डिंग में कार्डियोलॉजी, न्यूरोसर्जरी, न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी, सीटीवीएस, नियोनेटोलॉजी के मरीज को यहां पर इलाज मिल सकेगा. इसमें कॉर्डियोलॉजी में चार, न्यूरोसर्जरी में छह, न्यूरोलॉजी में एक व यूरोलॉजी में दो डॉक्टर विभाग से भेजे गये हैं. इनके अलावा इसीजी के चारव टीएमटी के दो टेक्नीशियन भी पहले से ज्वाइन किये हैं. सीटीवीटी, नेफ्रोलाॅजी व नियोनेटोलॉजी में डॉक्टर नहीं मिले हैं.
मैन पावर की आ रही दिक्कत
अस्पताल की ओर से अब तक किसी तरह व्यवस्था कर न्यूरोलॉजी, यूरोलॉजी, कॉर्डियोलॉजी का ओपीडी शुरू कर दिया गया है. यहां पर फुल-फ्लेज में हॉस्पिटल को शुरू करने के लिए डॉक्टर व अन्य कर्मचारियों को मिलाकर 352 की जरूरत है. यहां पर विभाग से 13 डॉक्टर व कुछ टेक्निशियन को दिया गया है. मगध मेडिकल अस्पताल से ही कुछ कर्मचारी व नर्स की तैनाती कर फिलहाल ओपीडी शुरू किया गया है. इनडोर शुरू नहीं होने के कारण गंभीर मरीजों को बाहर ही रेफर करना पड़ रहा है.
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अस्पताल में हर दिन चल रहा मंथन
नये अधीक्षक डॉ केके सिन्हा अस्पताल को फिलहाल कुछ विभाग के इनडोर शुरू करने को लेकर काफी प्रयत्न करते दिख रहे हैं. हर दिन इस पर नोडल अधिकारी व अन्य डॉक्टरों के साथ मंथन किया जा रहा है. कोशिश की जा रही है कि जिन विभागों में डॉक्टर मौजूद हैं, उनका इनडोर भी शुरू कर दिया जाये. सरकार की ओर से मैन पावर मिलने के बाद इसे और विस्तार किया जायेगा. अधीक्षक मानते हैं कि मौजूदा संसाधन में ही इसे शुरू कर दिया जायेगा. ताकि, लोगों को अस्पताल का फायदा मिल सके.