आइआइएम बोधगया के लीडरशिप प्रोग्राम का समापन, प्रबंधन व नेतृत्व पर फोकस

आइआइएम बोधगया ने बिहार में पहली बार जून से जुलाई तक नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम (एनएफएलपी) के तीन बैचों का आयोजन किया.

By Prabhat Khabar News Desk | July 28, 2024 10:02 PM

बोधगया. आइआइएम बोधगया ने बिहार में पहली बार जून से जुलाई तक नर्चरिंग फ्यूचर लीडरशिप प्रोग्राम (एनएफएलपी) के तीन बैचों का आयोजन किया है. शिक्षा मंत्रालय ने मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण के संदर्भ में एनएफएलपी नामक इस फैकल्टी लीडरशिप डेवलपमेंट प्रोग्राम की संकल्पना की है. यह एक प्रतिष्ठित, चयन आधारित पांच दिवसीय आवासीय लीडरशिप ट्रेनिंग प्रोग्राम है जो पब्लिक फंडेड उच्च शिक्षण संस्थानों के सभी स्तरों के फैकल्टी सदस्यों के लिए उपलब्ध कराया गया है. आइआइएम बोधगया की पीआर सेल ने जानकारी दी है कि यह प्रोग्राम एनआइआरएफ प्रबंधन रैंकिंग में देश के शीर्ष संस्थानों द्वारा प्रदान किया जाता है, जिसके अंतर्गत वर्तमान में छह आइआइटी व 14 आइआइएम देश में क्षमता निर्माण में सुधार के लिए इस प्रोग्राम का आयोजन कर रहे हैं . इसका मुख्य उद्देश्य फैकल्टी सदस्यों को कलेक्टिव डिसीजन मेकिंग, शेयर्ड गवर्नेंस, डेवलपिंग इनिशिएटिव्स व प्रॉब्लम सॉल्विंग में प्रभावी और सक्रिय रूप से योगदान देने के लिए तैयार करना है. आइआइएम बोधगया में आयोजित इस प्रोग्राम के अंतिम बैच में दिल्ली विश्वविद्यालय व बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सहित केंद्रीय व राज्य शैक्षणिक संस्थानों का प्रतिनिधित्व करने वाले विविध पृष्ठभूमि के 22 फैकल्टी सदस्यों ने भाग लिया. पांच दिवसीय प्रोग्राम में प्रबंधन व नेतृत्व पर विभिन्न सत्र शामिल रहे. आइआइएम बोधगया की निदेशक डॉ विनीता एस सहाय ने शैक्षणिक संस्थानों में नेतृत्व और मिशन, विजन एवं लक्ष्य संरेखण पर तीन विस्तृत सत्र आयोजित किये. प्रतिभागियों ने साझा किया कि डॉ विनीता एस सहाय के सत्र लाइव केस के उदाहरण के रूप में काम करते हैं, जिससे उन्हें निर्णय लेने और क्षमता निर्माण की बारीकियों को समझने में मदद मिली. प्रोग्राम के अन्य सत्रों में प्रबंधन के आधुनिक विषय जैसे डेटा विज़ुअलाइजेशन का महत्व व आज के गतिशील संदर्भ में इन्फोर्मटिव डिसीजन लेने के लिए डिजाइन थिंकिंग शामिल रहे. प्रतिभागियों ने साझा किया कि कार्यक्रम से मिली सीख उनकी व्यावसायिक क्षमताओं को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ायेगी व उनके संस्थानों के विकास में योगदान देगी. प्रोग्राम में शामिल अनेक सत्रों में वर्तमान समय में एजुकेशनल लीडर्स के सामने आने वाले गंभीर मुद्दों को संबोधित करते हुए नवीन समाधान व दूरदर्शी रणनीतियां प्रदान की गयी.

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