Bihar News: गया में डेंगू का प्रकोप जारी, पुलिस लाइन बना हाॅटस्पॉट, लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या

Bihar News: गया में शहर के पुलिस लाइन एरिया डेंगू मरीजों को लेकर हाॅट-स्पॉट बन गया है. यहां से अब तक डेंगू के सात मरीज सामने आ चुके हैं. इसमें छह कंफर्म पॉजिटिव व एक सस्पेक्टेड है. एएनएमएमसीएच के डेंगू स्पेशल वार्ड में तीन पीड़ितों का इलाज चल रहा है.

By Prabhat Khabar News Desk | September 1, 2024 8:26 AM

Bihar News: गया में शहर के पुलिस लाइन एरिया डेंगू मरीजों को लेकर हाॅट-स्पॉट बन गया है. यहां से अब तक डेंगू के सात मरीज सामने आ चुके हैं. इसमें छह कंफर्म पॉजिटिव व एक सस्पेक्टेड है. एएनएमएमसीएच के डेंगू स्पेशल वार्ड में तीन पीड़ितों का इलाज चल रहा है. इसके बाद भी नगर निगम सक्रियता नहीं दिख रही है. स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग की ओर से पहले ही डेंगू के हॉट-स्पॉट के रूप में पुलिस लाइन, मगध कॉलोनी, विष्णुपद मंदिर व मगध मेडिकल कॉलेज के आसपास के क्षेत्रों को चिह्नित किया गया है.

घर के आसपास साफ-सफाई रखें और मच्छरदानी का प्रयोग करें

यहां पर बीते वर्ष में डेंगू के मामले सामने आये थे. इसमें इस वर्ष पुलिस लाइन से अधिक मामले सामने आये हैं. जिले में अब तक यह आंकड़ा 40 पहुंच गया है. स्वास्थ्य विभाग की जिम्मेदारी है कि ग्रामीण इलाका में फॉगिंग व दवा छिड़काव की व्यवस्था करेंगे. शहरी क्षेत्र में निगम को जिम्मेदारी संभालनी है. इस बीमारी से बचाव के लिए सबसे जरूरी है कि घर के आसपास व अंदर में साफ-सफाई रखें और मच्छरदानी का प्रयोग करें. इसकी जानकारी भी लोगों को दी जा रही है.

नगर निगम कर रहा फॉगिंग

स्वास्थ्य विभाग से मिली जानकारी के अनुसार, पीएचसी व सीएचसी में पांच-पांच बेड, अनुमंडल अस्पताल में 10 बेड, जिला अस्पताल में पांच बेड, एएनएमएमसीएच में 100 बेड के अलावा कई प्राइवेट अस्पतालों में भी बेड को सुरक्षित रखा गया है. स्थानीय पार्षद ओमप्रकाश सिंह ने कहा कि नगर निगम से यहां फॉगिंग की जा रही है. लेकिन, दवा का छिड़काव अब तक शुरू नहीं किया गया है.

पुलिस लाइन बना हाॅटस्पॉट

जिला वेक्टर जनित रोग नियंत्रण पदाधिकारी डॉ एमइ हक ने बताया कि पुलिस लाइन पिछले बार की तरह इस बार भी हॉट-स्पॉट बन गया है. नगर निगम को भी पुलिस लाइन के डेंगू को लेकर हॉट-स्पॉट बनने की सूचना दी जा रही है. शहरी क्षेत्र में नगर निगम को ही फॉगिंग व दवा का छिड़काव की जिम्मेदारी दी जा चुकी है. ताकि, यहां लोगों को डेंगू से बचाया जा सके.

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तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर के जोड़ों और आंखों में दर्द होने पर तुरतं डॉक्टर की सलाह लें

डॉ हक ने बताया कि डेंगू के मामले में चिकित्सीय परामर्श के साथ ही दवा लें. दर्द को नियंत्रित करने के लिए पेरासिटामोल का उपयोग किया जाता है. इबुप्रोफेन और एस्पिरिन जैसी गैर-स्टेरायडल एंटी इंफ्लेमटरी दवाओं से परहेज करना जरूरी है. उन्होंने बताया कि इस बीमारी में तेज बुखार, सिरदर्द, शरीर के जोड़ों और आंखों में दर्द, मतली और दाने होते हैं. अमूमन यह एक से दो सप्ताह में ठीक हो जाता है. लेकिन, कई लोगों को गंभीर रूप से डेंगू होता है. इससे जान को खतरा भी हो जाता है.

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