पुरुष परिवार नियोजन की समझ बढ़ाएं, महिलाओं पर न हो इसका पूरा भार
विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित परिवार नियोजन मेला के उद्घाटन कार्यक्रम का आयोजन हुआ.
गया. महिलाओं के प्रजनन स्वास्थ्य के लिए परिवार नियोजन के विचार को समझना जरूरी है. परिवार नियोजन की समझ को विकसित करने के लिए पुरुषों को भी आगे आने की जरूरत है. परिवार नियोजन का भार सिर्फ महिलाओं पर छोड़ देना सही नहीं है. परिवार नियोजन से स्वस्थ परिवार का निर्माण होता है. किसी महिला को लगातार बच्चे होने की तुलना में अंतराल रखने वाली महिलाओं का स्वास्थ्य और उनके बच्चे भी सेहतमंद होते हैं. मां और बच्चे के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर इसका सकारात्मक असर पड़ता है. उक्त बातें विश्व जनसंख्या दिवस के मौके पर आयोजित परिवार नियोजन मेला के उद्घाटन कार्यक्रम के दौरान डीआइओ डॉ राजीव अंबष्टा ने कही. उन्होंने कहा कि मेडिकल सांइस ने माना है कि कम से कम तीन साल का अंतराल मां और बच्चों के स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है. पति पत्नी दोनों को परिवार नियोजन के स्थायी और अस्थायी साधनों के इस्तेमाल की जानकारी होनी चाहिए. इस विषय पर पर झिझक नहीं बल्कि खुल कर जानकारी लेने की कोशिश होनी चाहिए. जय प्रकाश नारायण अस्पताल सहित जिला के सभी प्राथमिक तथा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्रों पर विश्व जनसंख्या दिवस का आयोजन किया गया. इस दौरान परिवार नियोजन मेला लगा कर वहां आये लोगों को परिवार नियोजन के साधनों की जानकारी दी गयी. जेपीएन अस्पताल परिसर में परिवार नियोजन मेला का उद्घाटन डीआइओ व डीपीएम नीलेश कुमार ने संयुक्त रूप से किया. इस मौके पर उनके साथ यूनिसेफ से संजय कुमार, पीरामल संस्था से अभिनव, पीएसआइ से अजय कुमार, डीसीएम मनीष सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारी तथा कर्मचारी मौजूद रहे. कार्यक्रम के बाद परिवार नियोजन के प्रति जागरूकता लाने के लिए स्वास्थ्य अधिकारियों ने सारथी रथ को हरी झंडी दिखा कर रवाना किया.
डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है