गया. बिपार्ड की ओर से मंगलवार को ‘मिशन कर्मयोगी कार्यशाला’ का आयोजन किया गया. यह कार्यशाला क्षमता निर्माण आयोग (सीबीसी) के तत्वावधान में आयोजित की गयी, जिसमें केंद्र सरकार, केंद्रीय प्रशिक्षण संस्थानों, राज्य प्रशिक्षण संस्थानों और 17 राज्यों के वरिष्ठ अधिकारियों सहित कुल 57 प्रतिनिधियों ने भाग लिया. कार्यशाला का उद्घाटन और अध्यक्षता क्षमता निर्माण आयोग (कैपेसिटी बिल्डिंग मिशन) के अध्यक्ष अदिल जैनुलभाई ने की. प्रमुख अतिथियों में डॉ आरबाला सुब्रमण्यम, सदस्य, सीबीसी व डॉ अलका मित्तल, सदस्य, सीबीसी शामिल थे. तमिलनाडु के अपर मुख्य सचिव विक्रम कपूर, बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव और बिपार्ड के महानिदेशक केके पाठक व बिहार सरकार के अपर मुख्य सचिव बी राजेंद्र सहित कई वरिष्ठ अधिकारी भी इस कार्यशाला में उपस्थित थे. मंगलवार को बिपार्ड में चल रही इस कार्यशाला के बाद आयोजित प्रेस वार्ता को संबोधित करते हुए मगध प्रमंडल के आयुक्त प्रेम सिंह मीणा ने बताया कि राज्य सरकार के उच्च से निम्न स्तर के अधिकारी व कर्मचारियों को ऑनलाइन ट्रेनिंग करना है, ताकि वे लोग जनसेवा अच्छे ढंग से कर सकें. कैपेसिटी बिल्डिंग के चेयरमैन, डीजी बिपार्ड केके पाठक, सचिव हरजोत कौर, बिपार्ड के अपर मुख्य सचिव बी राजेंद्र सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. उन्होंने बताया कि आज की तारीख में क्षमता निर्माण आयोग और आइ गॉट प्लेटफॉर्म पर करीब 1654 कोर्सेज हैं, जिनमें जो भी सरकारी कर्मचारी अपनी इच्छा व विभाग के अनुरूप या अलग विभागों की जानकारी के लिए कोर्सेज कर सकते हैं. जब आइ गॉट सरकारी इमेल पर आप रजिस्टर्ड होंगे, तो इमेल व मोबाइल के जरिए लॉग इन कर सकते हैं. यह आइ-गॉट द्वारा ऑनलाइन कोर्सेज फ्री में दिये जाते हैं. प्राइवेट संस्थानों से करने पर लाखों रुपये खर्च होंगे. सात मिनट से 80-90 दिनों तक के कोर्सेज हैं. बिहार में 12 लाख कर्मचारियों की ऑन बोर्डिंग इस प्लेटफॉर्म पर ट्रेनिंग करायी है, जो देश भर में सबसे अधिक है. हमारा लक्ष्य इसे 15 लाख तक ले जाने का है. मात्र 45 दिनों में बिहार में इतनी बड़ी संख्या में करके देश में पहला स्थान प्राप्त किया है. श्री मीणा ने बताया कि इस बार मुख्य सचिवों की काॅन्फ्रेंस हुई थी उसमें बिपार्ड को मुख्य रूप से आमंत्रित किया गया था.
सरकारी कर्मचारियों की क्षमता निर्माण पहला उद्देश्य
इस दौरान डॉ आरबाला सुब्रह्मण्यम, सदस्य, सीबीसी व डॉ अलका मित्तल, सदस्य, सीबीसी मौजूद थे. डॉ आर बाला सुब्रह्मण्यम ने बतया कि यह मिशन कर्मयोगी की पहली कार्यशाला थी. बिहार सरकार को हॉस्पिटीलिटी के लिए धन्यवाद किया. मिशन कर्मयोगी के दो वर्ष होनेवाले हैं. लर्नर के साथ कैसा फीडबैक रहा, क्या सीखना चाहते हैं. यह पूरा करने का प्रयास रहता है. यह एक नेशनल प्रोजेक्ट है. सरकारी कर्मचारियों की क्षमता निर्माण करना हमारा उद्देश्य है.इसका उद्देश्य सिविल सेवकों को नियम-आधारित से भूमिका-आधारित सार्वजनिक सेवा प्रदान करने के दृष्टिकोण में परिवर्तन करना है. यह कार्यशाला आपसी सीख, अनुभव साझा करने व प्रशिक्षण और विकास की बेहतर रणनीतियों की योजना बनाने के लिए एक अमूल्य मंच साबित हुई. इसने बिहार की उस प्रगति को भी उजागर किया, जिसने हाल ही में आइ गॉट मिशन कर्मयोगी पंजीकरण में देश में पहला स्थान प्राप्त किया है.
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