बाबू जगजीवन राम देश के दिग्गज राष्ट्रीय नेताओं में अग्रणी : कुलपति
मगध विश्वविद्यालय के डॉ राधाकृष्णन सभागार में बाबू जगजीवन राम : कंट्रीब्यूशन इन द डेवलपमेंट ऑफ पोस्ट इंडिपेंडेंस इंडिया शीर्षक पर बाबू जगजीवन राम अकादमिक विचार मंच व आइक्यूएसी के तत्वाधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया.
बोधगया. मगध विश्वविद्यालय के डॉ राधाकृष्णन सभागार में बाबू जगजीवन राम : कंट्रीब्यूशन इन द डेवलपमेंट ऑफ पोस्ट इंडिपेंडेंस इंडिया शीर्षक पर बाबू जगजीवन राम अकादमिक विचार मंच व आइक्यूएसी के तत्वाधान में एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन किया गया. कुलपति प्रो एसपी शाही की अध्यक्षता में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि ललित नारायण मिथिला विवि, दरभंगा के राजनीति विज्ञान के पूर्व विभागाध्यक्ष व संकायाध्यक्ष प्रो जितेंद्र नारायण, प्रति संरक्षक प्रो बी आरके सिन्हा व प्रतिकुलपति शामिल हुए. कार्यक्रम का शुभारंभ बाबू जगजीवन राम के छाया चित्र पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुआ. अध्यक्षीय भाषण में कुलपति प्रो शाही ने बाबू जगजीवन राम को देश के दिग्गज राष्ट्रीय स्तर के नेताओं में अग्रणी बताया. उन्होंने कहा कि बाबूजी राष्ट्र के महानायक तथा संत रूपी राजनेता थे. भारत को उन पर गर्व है. सामाजिक विज्ञान के संकायाध्यक्ष प्रो आरएस जमुआर ने कहा कि नये भारत के निर्माण में बाबू जगजीवन राम की महत्वपूर्ण भूमिका रही है. उन्होंने आजादी के बाद अर्थव्यवस्था को पुनः निर्मित करने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया. उनके लिए लोक सेवा, समाज हित तथा देश का उत्थान सर्वोपरि था. प्रतिकुलपति प्रो सिन्हा ने कहा कि बाबू जगजीवन राम सामाजिक न्याय व लोकतंत्र के संस्थापक थे. उन्होंने आजीवन अन्याय के खिलाफ संघर्ष किया व समतावादी विकास का प्रतिमान दिया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि जितेंद्र नारायण ने कहा कि बाबू जगजीवन राम गांधी एवं सरदार पटेल के विचारों से प्रभावित थे. शैक्षणिक जगत ने बाबूजी के साथ न्याय नहीं किया है. उन्हें जितनी मान्यता मिलनी चाहिए थी वह नहीं मिली. बाबू जगजीवन राम अत्यंत मृदुभाषी, ताकतवर व्यक्तित्व, के प्रखर तथा एक कुशल रणनीतिकार थे. संजय पासवान ने अपनी पुस्तक में उनके योगदान को रेखांकित किया है.