परैया. अच्युतम केशवम कृष्ण दामोदरम, भजन से विश्व प्रसिद्ध कथावाचिका जया किशोरी ने दखनेर गांव में पांचवें दिन की कथा प्रारंभ किया. इसमें भगवान के बाल स्वरूप में की गयी अद्भुत लीलाओं का वर्णन श्रद्धालुओं को किया. भगवान की बाल लीलाओं को सुनकर भक्तों आनंद विभोर हुए. एक ओर जहां भगवान के बाल रूप की लीला से लोग माता यशोदा मईया के साथ ब्रजवासी अचंभित है. भगवान के सबसे मनमोहक स्वरूप में उनके माखन चोर के बाल लीला का वर्णन हुआ. इसमें दर्पण के समक्ष भगवान स्वयं को देखकर ही मोहक स्वरूप में बात कर लीला करते हैं. भगवान कृष्ण की बाल लीला का वर्णन कथा के माध्यम से किया. ””राधिका गोरी से ब्रज की छोरी से मईया करा दो मेरा ब्याह”” भजन के माध्यम से बाल कृष्ण के हठ को दर्शाया गया. जहां मोर और मोरनी के प्रसंग के साथ भगवान माता यशोदा को भरमाने और मनाने में जुटे हैं. इन लीलाओं के बीच माता यशोदा बेटे को सबके नजर से बचाने की जुगत में लगी हैं. इस बीच स्वयं महादेव भगवान के बालरूप के दर्शन के लिए पहुंचते हैं. वहीं महादेव के भोलादानी वाले स्वरूप की भी चर्चा हुई. जहां उन्होंने बताया कि शिव ने भस्मासुर को सहजता से वरदान दे दिया. इसलिए ऐसी मान्यता है कि भोले बाबा सबसे जल्दी अपने भक्तों की प्रार्थना सुनते हैं. इसके साथ ही भजन ””बाबा तेरी जटाओं में बहती है गंगधारा”” के साथ श्रोतागण जमकर झूमे. कथा सुनने आए अतिथियों का स्वागत कार्यक्रम आयोजक प्रिंस कुमार और उनके सहयोगियों ने किया.
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