बिहार में मारे गये जोनल कमांडर आलोक ने 14 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था हथियार, 10 लाख के इनामी नक्सली का झारखंड कनेक्शन
Bihar Gaya Encounter, Alok Yadav, Naxalite Alok Yadav of Chatra District of Jharkhand Killed in Bihar Gaya Encounter: झारखंड की सीमा से सटे बिहार के गया जिला के बाराचट्टी में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक माओवादी जोनल कमांडर मारा गया. इस नक्सली कमांडर का झारखंड कनेक्शन भी है. मूल रूप से वह चतरा जिला का रहने वाला है. 10 लाख रुपये के इस खूंखार नक्सली ने महज 14 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था और नक्सली दस्ता में शामिल हो गया था. चतरा के एसपी ऋषभ झा ने यह जानकारी दी.
Bihar Gaya Encounter, Alok Yadav: रांची : झारखंड की सीमा से सटे बिहार के गया जिला के बाराचट्टी में पुलिस के साथ मुठभेड़ में एक माओवादी जोनल कमांडर मारा गया. इस नक्सली कमांडर का झारखंड कनेक्शन भी है. मूल रूप से वह चतरा जिला का रहने वाला है. 10 लाख रुपये के इस खूंखार नक्सली ने महज 14 साल की उम्र में हथियार उठा लिया था और नक्सली दस्ता में शामिल हो गया था. चतरा के एसपी ऋषभ झा ने यह जानकारी दी.
उन्होंने बताया कि शनिवार की देर रात बाराचट्टी के धनगांव थाना क्षेत्र में हुई मुठभेड़ में मारा गया नक्सली कमांडर आलोक यादव झारखंड के चतरा सदर थाना क्षेत्र के बरैनी-सिकिद गांव का निवासी था. अलग-अलग थानों में आलोक के खिलाफ करीब एक दर्जन से ज्यादा मामले दर्ज हैं. आलोक यादव के खूंखार माओवादी जोनल कमांडर बनने का तार चतरा से ही जुड़ा है.
वर्ष 2002 में उसने हथियार उठा लिया और नक्सलियों के दस्ते में शामिल हो गया. उन दिनों चतरा जिला में प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी की तूती बोलती थी. ग्रामीण बताते हैं कि वर्ष 2002 में आलोक इस नाम से नहीं जाना जाता था. उसका नाम संतोष यादव था. अपने ही गांव के त्रिलोकी यादव की हत्या के मामले में वर्ष 2002 में पहली बार उसके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. उसके घर में ताला लगा दिया गया, तो वह क्रोधित हो उठा.
समाज और पुलिस से नाराज होकर संतोष ने महज 14 साल की उम्र में जंगल का रुख कर लिया. वह भाकपा-माओवादियों के पास पहुंच गया और उसने हथियार उठा लिये. नक्सलियों ने उसे नया नाम दिया. आलोक यादव. संतोष यादव से आलोक यादव बनने के बाद उसने चतरा के सदर थाना क्षेत्र में स्थित सिकिद और भुइयांडीह गांव में अपना घर बनाया. उसके इन घरों को नक्सली संगठन तृतीय प्रस्तुति कमेटी (टीपीसी) के दस्ते ने ध्वस्त कर डाला.
टीपीसी नक्सलियों की इस कार्रवाई ने उसे और खूंखार बना दिया. चतरा के एसपी ऋषभ झा बताते हैं कि माओवादी जोनल कमांडर आलोक अलग-अलग नामों मसलन गुलशन, संतोष यादव उर्फ रवि जी के नाम से क्षेत्र में घूमता था. झारखंड के चतरा जिला के अलावा बिहार के गया एवं औरंगाबाद जिलों के अलग-अलग थाना में संतोष यादव उर्फ गुलशन उर्फ आलोक यादव उर्फ रवि जी के खिलाफ मुकदमे दर्ज थे. संतोष यादव के शव के पास से एके 47 और इंसास राइफल बरामद हुए हैं.
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Posted By : Mithilesh Jha