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जेपीएन, मगध मेडिकल व प्रभावती अस्पताल ने दो दिनों तक दौड़ाया, फिर किया मरीज को भर्ती

औरंगाबाद के रफीगंज की टीबी मरीज सात माह की गर्भवती महिला 20 वर्षीय खुशबू कुमारी को रविवार को लेकर उसका पति नीतीश कुमार शर्मा गया पहुंचा. यहां रविवार से सोमवार तक जेपीएन, प्रभावती व मगध मेडिकल अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज को दौड़ाया.

गया : औरंगाबाद के रफीगंज की टीबी मरीज सात माह की गर्भवती महिला 20 वर्षीय खुशबू कुमारी को रविवार को लेकर उसका पति नीतीश कुमार शर्मा गया पहुंचा. यहां रविवार से सोमवार तक जेपीएन, प्रभावती व मगध मेडिकल अस्पताल में डॉक्टरों ने मरीज को दौड़ाया. थक हार कर नीतीश पत्नी को लेकर सोमवार की दोपहर फिर से जयप्रकाश नारायण अस्पताल पहुंच गया. यहां मरीज को भर्ती तो कर लिया गया, लेकिन इलाज शुरू करने के साथ ही परिजन को कह दिया गया कि यहां फिजिशियन नहीं है. मरीज की स्थिति को देखते हुए बेहतर होगा कि यहां से मरीज को पटना ले जायें. मरीज के पति ने बताया कि रविवार को जयप्रकाश नारायण अस्पताल पहुंचने पर उसे प्रभावती रेफर कर दिया गया. प्रभावती से उसे मगध मेडिकल भेज दिया गया. मगध मेडिकल से उसे फिर जेपीएन भेजा गया.

सोमवार को फिर से वही प्रक्रिया चालू हुई. जेपीएन से उसे प्रभावती भेजा गया, उसके बाद मगध मेडिकल, जहां पर कोरोना जांच के लिए सैंपल भी लिया गया. इस दौरान प्रभावती अस्पताल से उसे जयप्रकाश नारायण अस्पताल के नाम एक चिट्ठी भी दी गयी. साेमवार को जयप्रकाश नारायण अस्पताल पहुंचा. यहां कई घंटों के बाद उसकी पत्नी को भर्ती किया गया. उन्होंने बताया कि यहां के डॉक्टर पटना ले जाने की सलाह दे रहे हैं. सोमवार को पैसा नहीं होने व कुछ व्यवस्था के कारण मरीज को पटना नहीं ले जा सका. मंगलवार की सुबह व्यवस्था होने के बाद मरीज को पटना ले जायेंगे.

जेपीएन, मगध मेडिकल व प्रभावती के डॉक्टर ने यह कहा जेपीएन के डॉ संजय कुमार ने कहा कि कोरोना जांच के सैंपल लेने के बाद मरीज को रिपोर्ट आने तक दूसरे अस्पताल में रेफर नहीं करना चाहिए. यहां मेडिसिन में फिजिशियन नहीं होने के कारण बहुत सारी दिक्कतें आ रही हैं. इधर, जेपीएन के प्रतिनियुक्त किये गये उपाधीक्षक डॉ पीके अग्रवाल ने कहा कि मरीज को जेपीएन अस्पताल रेफर किया गया था. यहां से पहले कौन मगध मेडिकल भेजा, नहीं पता चल सका. प्रभावती पहुंचने पर मरीज के बारे में इलाज से संबंध में जेपीएन के उपाधीक्षक से भी बात कर ली. उनकी सहमति के बाद ही पेसेंट को जेपीएन भेजा गया. इस संबंध में मगध मेडिकल कोरोना वार्ड के नोडल अधिकारी डॉ एनके पासवान ने बताया कि सैंपल लिये जाने के बाद स्थिति को देखते हुए रेफर नहीं किया जाना चाहिए था.

ड्यूटी पर मौजूद डॉक्टर ने बताया कि टीबी की दवा दो वर्ष महिला ने खा ली है. इस कारण उसे यहां नहीं रखा जा सकता था. इसलिए रेफर किया गया है. उन्होंने कहा कि मरीज के परिजन के साथ किसी को दुर्व्यवहार करने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. किसी ने ऐसा किया है, तो जांच कर कार्रवाई की जायेगी. ज्यादा सवाल नहीं करो, हाथ-पैर तोड़वा कर तुम्हें भी अस्पताल में करवा देंगे भर्ती पत्नी के इलाज के लिए दो दिनों से प्रभावती, जेपीएन व मगध मेडिकल के चक्कर लगा रहे युवक के मगध मेडिकल के इमरजेंसी में सवाल करने पर अस्पताल कर्मचारी ने कहा कि ज्यादा सवाल नहीं करो, अधिक सवाल करने पर हाथ-पैर तोड़वा कर तुम्हें भी अस्पताल में मरीज के साथ भर्ती करवा देंगे.

इतने पर भी नहीं रुके कर्मचारी और पुलिस से भी पकड़वाने की धमकी दी. बता दें कि इससे पहले भी कई बार मरीज व उनके परिजन के साथ दुर्व्यवहार की घटना मगध मेडिकल में सामने आ चुकी है. सोमवार की घटना का मरीज के परिजन को हाथ-पैर तोड़ने की बात कहते समय एक परिजन ने पूरी बात अपने मोबाइल फोन में रेकाॅर्ड कर ली. पूरी घटना का वीडियो परिजन ने प्रेस प्रतिनिधि को उपलब्ध कराया है.

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