श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चल रहीं लेट, मजदूर हलकान
श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लेट चलने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. गया रेलवे स्टेशन पर ही ट्रेनें पांच से छह घंटे लेट आ रही हैं. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जालंधर, अहमदाबाद व सूरत सहित अन्य प्रदेशों से आनेवाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से पांच से छह घंटे लेट चल रही हैं.
गया : श्रमिक स्पेशल ट्रेनों के लेट चलने से लोगों को परेशानी झेलनी पड़ रही है. गया रेलवे स्टेशन पर ही ट्रेनें पांच से छह घंटे लेट आ रही हैं. रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, जालंधर, अहमदाबाद व सूरत सहित अन्य प्रदेशों से आनेवाली ट्रेनें अपने निर्धारित समय से पांच से छह घंटे लेट चल रही हैं.
यही नहीं, श्रमिक स्पेशल ट्रेनों को जहां-तहां रोक भी दिया जा रहा है. इस कारण प्रवासी मजदूरों को खाने-पीने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. मजदूरों ने बताया कि श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनें जहां-तहां रोक दी जा रही हैं. स्टेशन पर न तो पानी की सुविधा है और ना भोजन मिलता है. मजबूर होकर हंगामा करना पड़ता है.
गौरतलब है कि तीन दिन पूर्व सासाराम, गुरारू व इस्माइलपुर सहित अन्य स्टेशनों पर ट्रेनों को रोक दिया गया था. प्रवासी मजदूरों को स्टेशनों पर पानी और भोजन की सुविधा नहीं मिलने पर मजदूरों ने जम कर हंगामा किया. मजबूर होकर कर रहे हैं चेन पुलिंगश्रमिक स्पेशल ट्रेनों को जहां-तहां रोक देने के बाद प्रवासी मजदूर अपने निर्धारित समय से स्टेशन नहीं पहुंचने पर चेन पुलिंग कर दे रहें हैं.
चेन पुलिंग करने के बाद कई प्रवासी मजदूर ट्रेन से भाग भी रहे हैं. लेकिन, रेल पुलिस व आरपीएफ उन्हें मौके पर गिरफ्तार कर कोरोटिंन सेंटर भेज दे रहे हैं. मजदूरों ने कहा कि समय पर ट्रेन स्टेशन पर पहुंच जाती है तो चेन पुलिंग करने की जरूरत नहीं है.गया रेलवे स्टेशन पर ट्रैफिक दबाव बढ़ा रेल सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, गया रेलवे स्टेशन पर ट्रैफिक दबाव बढ़ने के कारण ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया जा रहा है.
बताया जा रहा है कि हर दिन 15 से 20 ट्रेनें गया रेलवे स्टेशन आ रही हैं. इसके कारण लाइन क्लियर नहीं होने के कारण ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया जा रहा है.क्या कहते हैं स्टेशन प्रबंधकस्टेशन प्रबंधक केके त्रिपाठी ने बताया कि बाहर से आनेवाले ट्रेनें अपने निर्धारित समय से लेट चल रही है. लेकिन, ट्रैफिक दबाव गया रेलवे स्टेशन पर बढ़ गया है.
लाइन क्लियर नहीं होने के कारण ट्रेनों को जहां-तहां रोक दिया जा रहा है. लाइन मिलने के बाद ही ट्रेनों को रेलवे स्टेशन पर लाया जा रहा है. हालांकि इसे सुधारने के लिए सिस्टम को बदला जा रहा है, ताकि परिचालन में किसी तरह की परेशानी का सामना न करना पड़े.