23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

सीयूएसबी में व्याख्यान आयोजित

फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में प्रो दुर्ग विजय सिंह ने दिया व्याख्यान

प्रकाशकों व पत्रिकाओं की पहचान के दिये टिप्स

फोटो- गया -बोधगया 211- फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में शामिल वक्ता व अन्य

अनुसंधान नैतिकता के मार्गदर्शक सिद्धांतों पर

फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम में प्रो दुर्ग विजय सिंह ने दिया व्याख्यान

वरीय संवाददाता, गया

सीयूएसबी में संचालित मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) की ओर से यूजीसी एमएमटी-पीपी, शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिविन्यास और संवेदीकरण कार्यक्रम विषय पर आयोजित आठ दिवसीय फैकल्टी डेवलपमेंट प्रोग्राम (संकाय विकास कार्यक्रम) के अंतर्गत राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनइपी) 2020 पर वक्ताओं ने कई आयामों पर चर्चा की. पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के नेतृत्व में ऑनलाइन माध्यम से एमएमटीटीसी के निदेशक डॉ तरुण कुमार त्यागी की देखरेख में किया गया है. इस कार्यक्रम के छठे दिन प्रमुख, जैव प्रौद्योगिकी विभाग, निदेशक, अनुसंधान विकास सेल, सीयूएसबी के प्रोफेसर दुर्ग विजय सिंह ने पहले सत्र को संबोधित किया.

उन्होंने अनुसंधान नैतिकता के मार्गदर्शक सिद्धांतों और अनुसंधान के क्षेत्र में शोधकर्ताओं की ओर से टाली जाने वाली विभिन्न अनैतिक प्रथाओं पर चर्चा करके अपनी प्रस्तुति शुरू की. उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक ज्ञान की सटीकता कैसे सुनिश्चित की जाये और वैज्ञानिक कदाचार से कैसे बचा जाये. प्रोफेसर सिंह ने शोध प्रकाशन की वर्तमान स्थिति व समस्याओं पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने सामाजिक विज्ञान में विभिन्न प्रसिद्ध प्रकाशकों और पत्रिकाओं की पहचान करने के तरीके साझा किये. उन्होंने नैतिक शोध प्रकाशनों को बढ़ावा देने के लिए विश्वविद्यालय व राष्ट्रीय स्तर पर विभिन्न सिफारिशें सुझाकर अपने विचार-विमर्श को समाप्त किये. सत्र के अंत में डॉ विकल सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन दिया.

उच्च शिक्षा में वैश्वीकरण पर डाला प्रकाश

दूसरे सत्र में प्रोफेसर चंद्र भूषण शर्मा, इग्नू, नयी दिल्ली ने उच्च शिक्षा में वैश्वीकरण और आंतरिककरण की आवश्यकता पर प्रकाश डाला. उन्होंने एमआइटी व अन्य पश्चिमी विश्वविद्यालयों में प्रवेश प्रक्रिया पर प्रकाश डाला और बताया कि कैसे पश्चिमी देश-दुनिया के सर्वश्रेष्ठ दिमाग से पैसा कमाते हैं. उन्होंने प्रतिभा पलायन के कारण और कैसे भारत के लोग यूरोपीय देशों में आर्थिक और बौद्धिक रूप से योगदान करते हैं, इस पर भी चर्चा की. सत्र के अंत में सभी प्रतिभागियों ने अपने प्रश्न पूछे और बौद्धिक रूप से आकर्षक सत्रों के लिए प्रतिष्ठित संसाधन व्यक्तियों और आयोजन टीम के प्रति अपना आभार व्यक्त किया. सत्र का धन्यवाद ज्ञापन प्रोफेसर डॉ पावस कुमार ने किया. डॉ तरुण कुमार त्यागी के प्रबंधन और समन्वयन में आयोजित कार्यक्रम में देश के 12 राज्यों से उच्च शिक्षा संस्थानों के 114 शिक्षकों व शोधार्थियों ने सहभागिता की है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें