जिला प्रशासन ने कर्मियों के लिए जारी किये महत्वपूर्ण निर्देश, मास्टर ट्रेनर की भूमिका अहम
Lok Sabha Election 2024: चुनाव के दौरान मास्टर ट्रेनर का बहुत बड़ा रोल होता है. मास्टर ट्रेनर वह श्रेणी है, जिनकी पूरी प्रक्रियों में भागीदारी काफी अहम रहती है. उक्त बातें लोकसभा चुनाव को लेकर जिला पदाधिकारी डॉ त्यागराजन एसएम ने जिला परिषद के सभागार में सभी मास्टर ट्रेनर को संबोधित करते हुए कही. उन्होंने कहा कि आठ, नौ व 10 अप्रैल को पी वन ,पी टू, पी थ्री के चलने वाला द्वितीय प्रशिक्षण है. चुनाव में लगे कर्मियों के लिए पहले से ही खाका तैयार कर लिया गया है. कर्मी अपने डिस्पैच सेंटर से सीधे संबंधित मतदान केंद्र या कलेक्टर सेंटर पर ही जायेंगे. अपने क्षेत्र के पोलिंग एजेंट की पूरी जानकारी रखना सुनिश्चित करेंगे. 90 मिनट के अंदर हर हाल में मॉक पोल कराना आवश्यक है. इसे ढंग से सभी कर्मचारियों व जिम्मेदार पदाधिकारी को जानकारी दी जाये. मतदान हर हाल में त्रुटिरहित व निष्पक्ष रूप से करवाना है. सभी कर्मियों को इवीएम का हैंड्स ऑन ट्रेनिंग के साथ बीयू, सीयू व वीवीपैट को कैसे जोड़ना है, इसकी जानकारी अच्छी प्रकार से ले लेनी है.
Also Read:देश में चल रही हिटलरशाही, हमारी पार्टी को खत्म करने का प्रयास, युवाओं को नहीं मिल रहा रोजगार
मतदान कर्मियों के लिए नहीं भूलने वाली बातें
- डिस्पैच सेंटर से इवीएम, वीवीपैट और मतदान सामग्री प्राप्त करने के बाद वाहन कोषांग से उपलब्ध कराये गये वाहन के माध्यम से सीधे संबंधित मतदान केंद्र पर जाना है. डिस्पैच सेंटर पर यदि कोई क्लस्टर के संबंध में सूचना दी जाती है, तो क्लस्टर पर जाना है.
- संबंधित मतदान केंद्र या क्लस्टर के अतिरिक्त कहीं अन्यत्र रूकना, ठहरना, विश्राम करना, चाय, नाश्ता आदि करना पूरी तरह से मना है.
- मतदान के 90 मिनट पहले मॉकपोल शुरू करना अनिवार्य है.मॉक पोल के बाद सी-आरसी करना जरूरी है.
- मॉक पोल की पर्ची वीवी पैट से निकालना है.
- प्रथम मतदान कर्मी, प्रथम मतदाता का नाम 17 ए में अंकित करने के पहले सीयू को चेक करेंगे.
- पोल क्लोज करने के बाद वीवीपैट की बैटरी को निकाल लेना है और बैटरी को अलग से रिसिविंग केंद्र पर जमा करवाना है.
- मतदान अभिकर्ता सामान्यतः उसी बूथ या बगल के बूथ के वोटर होंगे. अधिक से अधिक उसी विधानसभा क्षेत्र के वोटर को मतदान अभिकर्ता बनाया जा सकता है.
- जिन मतदान केंद्रों पर वेबकास्टिंग होगी, उस मतदान केंद्र की गतिविधियों की आवाज भी वेबकास्टिंग के माध्यम से हर जगह (निर्वाचन आयोग तक) सुनी जा सकेगी.
- वीवीपैट को न तो सीधी रोशनी के नीचे रखें, न खुली खिड़की के पास रखें.
- डिस्पैच सेंटर से लेते समय वीवीपैट को ऑन करके चेक नहीं करना है.
- पीठासीन पदाधिकारी की घोषणा दो कॉपी में भरना है. एक कॉपी पैकेट नंबर चार में बंद होगी. दूसरी कॉपी रिसीविंग काउंटर पर जमा करना है.