तेज धूप से सब्जियों के लतर व पौधे लगे झुलसने
सब्जियों के भाव फिर चढ़ने लगे हैं. कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन के पीरियड में हरी सब्जियों की कीमतें काफी कम हो गयी थीं. लेकिन, मौसम की मार, तेज धूप व लू की वजह से हरी सब्जियों के पौधे और लतर झुलस गये हैं. किसान सब्जियों के खेतों में सिंचाई करते-करते परेशान हैं और लू की वजह से खेतों की क्यारियां दनादन सूख रहीं हैं.
गया : सब्जियों के भाव फिर चढ़ने लगे हैं. कोविड-19 को लेकर लॉकडाउन के पीरियड में हरी सब्जियों की कीमतें काफी कम हो गयी थीं. लेकिन, मौसम की मार, तेज धूप व लू की वजह से हरी सब्जियों के पौधे और लतर झुलस गये हैं. किसान सब्जियों के खेतों में सिंचाई करते-करते परेशान हैं और लू की वजह से खेतों की क्यारियां दनादन सूख रहीं हैं. ऐसे में सब्जी मंडी में आवक घट गयी है और दाम फिर से बढ़ने लगे हैं. कई सब्जियों के दाम तो दोगुने हो गये, जो सब्जी आठ से 10 रुपये प्रति किलो बिक रही थी, वह 20 से 25 रुपये किलो हो गयी है. सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि दाम बढ़ने की वजह बेशुमार पड़ रही गर्मी है.
लू की वजह से लत्तर व पौधे झुलस रहे हैं. किसान सिंचाई करते-करते परेशान हैं. लागत भी बढ़ रही है. ऐसे में मंडी में सब्जी की आवक घट गयी और यही वजह है कि दाम बढ़ गये हैं. 80 रुपये प्रति किलो बिकने वाली धनिया 100 रुपये किलो मिल रही है. पांच से 10 रुपये किलो मिलने वाला नेनुआ (परोर) 20 रुपये किलो हो गया है. इसी तरह 10 की जगह 20 रुपये किलो परवल, टमाटर, बोदी, बैंगन 10 से 15 रुपये पीस लौकी, 10 से 15 प्रति किलो कटहल, हरी, लाल व पालक की साग भी मार्केट में कम ही देखने को मिल रही है. कच्चा आम 20 से 40 रुपये प्रति किलो, पेप्ची 40 से 50 रुपये प्रति किलो मार्केट में बिक रहा है. सब्जी विक्रेताओं ने बताया कि अगर कड़ी धूप और लहर इसी तरह रहे, तो एक-दो दिनों में सब्जी की रेट और महंगी होंगी, चूंकि आवक काफी कम हो गयी है.