मगध प्रमंडल: ‘रेरा’ अधिनियम को लेकर पढ़िए क्या कहा भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण अध्यक्ष
Magadh division भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) की बैठक में तय हुआ की ‘रेरा’ अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी बनाया जाए
मगध प्रमंडल भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण (रेरा) के अध्यक्ष विवेक कुमार सिंह ने शुक्रवार को यहां एक कार्यशाला में भाग लिया. इस दौरान उन्होंने कहा कि मगध प्रमंडल के जिलों के जिला व म्युनिसिपल प्रशासन से आग्रह किया है कि वे ‘रेरा’ अधिनियम को जमीनी स्तर पर प्रभावी ढंग से लागू करें. साथ ही प्रावधानों का उल्लंघन करनेवालों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई हो. इस कार्यक्रम में रेरा बिहार की सदस्य नूपुर बनर्जी व एसडी झा, मगध प्रमंडलीय आयुक्त मयंक बड़बड़े, डीएम डॉ त्यागराजन एसएम, जहानाबाद डीएम अलंकृता पांडेय, औरंगाबाद डीएम श्रीकांत शास्त्री, नवादा डीएम आशुतोष कुमार वर्मा, अरवल के उप विकास आयुक्त रवींद्र कुमार और गया के जिला अवर निबंधक राकेश सिंह शामिल हुए. कार्यक्रम में गया नगर निगम और गया प्लानिंग एरिया, बोधगया नगर पर्षद, जहानाबाद नगर पर्षद, औरंगाबाद नगर पर्षद, नवादा नगर पर्षद, अरवल नगर पर्षद, शेरघाटी नगर पर्षद, टिकारी नगर पर्षद, वारिसलीगंज नगर पर्षद, हिसुआ नगर पर्षद और दाउदनगर नगर पर्षद के वरिष्ठ अधिकारियों ने भी भाग लिया. कार्यक्रम में क्रेडाई बिहार और बिल्डर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया के पदाधिकारियों ने भी शिरकत की.
अधिनियम के प्रमुख प्रावधानों की दी गयी जानकारी
रेरा बिहार की एक टीम द्वारा प्रेजेंटेशन दिया गया, जिसमें प्रमुख प्रावधानों और रेरा बिहार के मुख्य कार्यों के बारे में जानकारी दी गयी. प्रस्तुति ने 2022 में संशोधित बिहार बिल्डिंग बायलॉज, 2014 के प्रावधानों का पालन सुनिश्चित करने के लिए नगरपालिका प्रशासन की महत्वपूर्ण भूमिका पर भी प्रकाश डाला. रेरा के अध्यक्ष ने कहा कि कार्यशाला आयोजित करने का उद्देश्य एक ऐसा मंच प्रदान करना है, जहां रेरा बिहार जिला और नगरपालिका प्रशासन को रेरा अधिनियम के महत्वपूर्ण प्रावधानों के बारे में बता सकें. उन्होंने कहा कि आने वाले महीनों में राज्य के सभी प्रमंडल मुख्यालयों में ऐसी कार्यशालाएं आयोजित की जायेंगी.
प्राधिकरण उपलब्ध करा रहा एक ऐसा मंच जहां घर-भूखंड खरीदार करा सकें शिकायतों का निराकरण
नूपुर बनर्जी ने प्राधिकरण के साथ अपनी परियोजनाओं को निबंधित करने के लिए प्रमोटरों द्वारा अपेक्षित दस्तावेज प्रस्तुत करने की आवश्यकता पर बल दिया. उन्होंने नगर निगम प्रशासन से आवेदनों के त्वरित निबटाने के लिए भी आग्रह किया. रेरा बिहार के सदस्य एसडी झा ने कहा कि प्राधिकरण एक ऐसा मंच उपलब्ध करा रहा है, जिसके माध्यम से घर/भूखंड खरीदार अपनी शिकायतों का निवारण करा सकते हैं. प्राधिकरण द्वारा आदेश जारी होने के बाद भी घर/भूखंड खरीदारों का पैसा वापस नहीं करने वाले डिफॉल्टरों पर प्राधिकरण द्वारा लगाये गये जुर्माने की वसूली में जिला प्रशासन महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है.मगध प्रमंडल के आयुक्त ने कहा कि इस आयोजन से जिला एवं नगर प्रशासन को अधिनियम के मुख्य प्रावधानों को समझने का बहुत अच्छा अवसर मिला है. उन्होंने यह भी कहा कि मगध प्रमंडल के सभी जिलों को ऐसे कदम उठाने के निर्देश जारी किये जायेंगे, जिससे अधिनियम का प्रभावी क्रियान्वयन सुनिश्चित हो सके.
अधिनियम के प्रावधानों को सरल बनाया जाये
प्रमोटरों से संबंधित मुद्दों को उठाते हुए बीएआइ के अध्यक्ष मणिकांत और क्रेडाई बिहार के अध्यक्ष भवेश कुमार ने कहा कि डिफॉल्टरों के खिलाफ कार्रवाई करने में कोई समस्या नहीं है, लेकिन अधिनियम के प्रावधानों के अनुसार काम करने वालों के लिए प्रक्रियाओं को सरल बनाया जाना चाहिए. अपने समापन भाषण में रेरा बिहार के अध्यक्ष ने कहा कि कार्यशाला के दौरान जिला और नगर प्रशासन के अधिकारियों द्वारा उठाये गये सभी महत्वपूर्ण बिंदुओं पर विचार किया जायेगा और प्राधिकरण अपनी टीम को जिलों में भेजकर सभी आवश्यक जानकारी उपलब्ध करायेगा. इस सत्र के बाद रेरा बिहार के अध्यक्ष और सदस्यों के साथ-साथ इसके वरिष्ठ अधिकारियों ने एक और इंटरैक्टिव सत्र में भाग लिया, जिसमें रियल एस्टेट क्षेत्र के हितधारकों ने भाग लिया. इसके बाद एक प्रश्नोत्तर सत्र का आयोजन किया गया.
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