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गया का अधेड़ धर्म व नाम बदलकर रचा रहा था ब्याह, भेद खुला तो हुआ फरार, कर चुका है तीन शादियां

आरोपित ने खुद को झारखंड पुलिस का इंस्पेक्टर बता कर पीड़ित परिवार को धमकाया और किशोरी के माता-पिता को झांसे में लेकर शादी के लिए रजामंद भी कर लिया. हरला थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि किशोरी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.

झारखंड के बोकारो में धर्म छिपा कर एक किशोरी से जबरन शादी रचा रहा गया का रहने वाला फर्जी इंस्पेक्टर अपनी पोल खुलती देख मौके से फरार हो गया. आरोपित 50 वर्षीय फिरोज उर्फ असलम खान उर्फ संजय कसेरा उर्फ राज सोरेन है. वह सात दिसंबर की रात संजय बन कर कुम्हार टोले में एक परिवार को भय दिखा कर 16 वर्षीया किशोरी से जबरन शादी कर रहा था. लेकिन, शादी समारोह के दौरान कुछ रिश्तेदारों को उस पर शक हुआ, तो हरला पुलिस व बजरंग दल के स्थानीय कार्यकर्ताओं को सूचना दे दी. हालांकि, पुलिस के पहुंचने से पूर्व ही वो लोगों को चकमा देकर वह भाग निकला. हरला पुलिस मौके पर पहुंची, तो लोगों ने आरोपित के पास से मिली इंस्पेक्टर की वर्दी व नकली पिस्तौल सौंपी.

तीन शादियां रचा चुका है

पुलिस के अनुसार, आरोपित आदतन अपराधी है. वह चतरा, रांची, रघुनाथपुर व जामताड़ा में जेल जा चुका है. फिरोज मूलत: बिहार के गया जिले का रहने वाला है और वर्तमान में धनबाद के वासेपुर में घर बना कर रह रहा था. वह तीन शादियां रचा चुका है. इससे पहले उसने एक आदिवासी महिला को झांसे में लेकर शादी की थी. उसने अपने आपको आदिवासी बताया था. पेटरवार की रहने वाली आदिवासी महिला को आरोपित ने अपना नाम राज सोरेन बताया था. फिरोज उर्फ असलम खान को चास थाना पुलिस ने 25 मई, 2021 को ठगी के मामले में जेल भेजा था. यह थाना आने वाले फरियादियों को केस हल्का करने के नाम पर खुद को पुलिस बता ठगी करता था.

धमका कर छह महीने से रह रहा था घर में

आरोपित ने खुद को झारखंड पुलिस का इंस्पेक्टर बता कर पीड़ित परिवार को धमकाया और किशोरी के माता-पिता को झांसे में लेकर शादी के लिए रजामंद भी कर लिया. हरला थाना प्रभारी संतोष कुमार ने बताया कि किशोरी के बयान पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है. आरोपित की तलाश में छापेमारी की जा रही है. सिटी डीएसपी कुलदीप कुमार ने बताया कि हरला पुलिस को सूचना मिली कि एक अधेड़ व्यक्ति नाबालिग के साथ शादी कर रहा है. सूचना पर पुलिस पहुंची, तो वह भाग गया. कुम्हार टोला निवासी पीड़ित मजदूर ने पुलिस को बताया कि वह अपनी पत्नी व दो नाबालिग पुत्रियों के साथ रहता है. उन्हें लोन की जरूरत थी, तो वह एक निजी बैंक के चक्कर लगा रहा था. वहां एक दिन आरोपित ने बातचीत के दौरान खुद को बैंक का मैनेजर बताते हुए लोन शीघ्र पास कराने का झांसा दिया. हालांकि, इसी बीच बैंक से लोन पास हो गया. इसका श्रेय आरोपित ने लेते हुए पीड़ित परिवार के घर आवाजाही बढ़ा दी.

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हो चुकी थी वरमाला, पड़ना था सिंदूर

फिरोज उर्फ असलम खान बीते छह माह से पीड़ित परिवार के साथ ही रह रहा था. इस दौरान वह इंस्पेक्टर की वर्दी पहन कर खुद को पुलिस भी बताने लगा. इससे परिवार काफी भयभीत रहने लगा. वह भय दिखा कर गरीब माता-पिता को उनकी बड़ी पुत्री से शादी करने के लिए राजी कर लिया और तय तिथि पर दूल्हा बन कर शादी करने पहुंच गया. बताया जाता है कि वरमाला हो चुकी थी और अब सिंदूरदान आदि की रस्में होने वाली थीं. इस दौरान बातचीत में एक रिश्तेदार को वह दूसरे धर्म का लगा. आरोपित जिस कमरे में ठहरा हुआ था, वहां जांच की गयी, तो उसके दो आधार कार्ड मिले. इसके बाद रिश्तेदारों ने शादी की प्रक्रिया रोक दी. फिर पुलिस व बजरंग दल को फोन कर बुला लिया.

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