बोधगया. शांति व अहिंसा का संदेश देने वाले भगवान बुद्ध की ज्ञानस्थली बोधगया क्षेत्र में बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में आकर्षक व विशालकाय प्रतिमा बनने का सिलसिला जारी है. सर्वप्रथम बोधगया में जापन की संस्था दाइजोक्यो द्वारा 40 साल पहले भगवान बुद्ध की विशालकाय 80 फुट प्रतिमा का निर्माण किया गया था. बौद्ध धर्मगुरु दलाई लामा ने प्रतिमा का अनावरण किया था. इसके कई वर्षों तक यहां प्रतिमा निर्माण की प्रक्रिया थम गयी. हालांकि, मैत्रेय नामक एक बौद्ध संस्था ने बोधगया में भगवान बुद्ध की 220 फुट ऊंची प्रतिमा बनाने का प्रोजेक्ट शुरू किया था और उसके लिए जमीन भी उपलब्ध कर चुका है. पर बाद में उसे अमलीजामा नहीं पहनाया गया.
21वीं सदी में कई बौद्ध संस्थाओं द्वारा भगवान बुद्ध की विभिन्न मुद्राओं में प्रतिमाएं बनाने का सिलसिला शुरू हो चुका है. इस कड़ी में महाबोधि मंदिर से लगभग ढ़ाई किलोमीटर की दूरी पर गया-बोधगया रिवर साइड रोड में भगवान बुद्ध की शयन मुद्रा की 100 फुट लंबी प्रतिमा तैयार की जा रही है. इसे भगवान बुद्ध की महापरिनिर्वाण मुद्रा भी कहा जाता है. बुद्धा इंटरनेशनल वेलफेयर मीशन द्वारा तैयार किये जा रहे बुद्ध की इस प्रतिमा को 2019 में निर्माण शुरू हुआ था.
इसे पूर्ण रूप से तैयार कर आम श्रद्धालुओं के लिए फरवरी 2023 में समर्पित किये जाने की तैयारी चल रही है. बताया जा रहा है कि यह विश्व में सबसे लंबी प्रतिमा होगी. वेलफेयर मीशन के फाउंडर सेक्रेटरी आर्यपाल भिक्षु ने बताया कि प्रतिमा के निर्माण में फाइबर ग्लास का उपयोग किया जा रहा है और इसे कोलकाता के मूर्तिकार मिंटू पॉल के नेतृत्व में तैयार किया जा रहा है. ऐसी ही प्रतिमा भगवान बुद्ध के महापरिनिर्वाण (मृत्यु ) स्थल कुशीनगर में है. जहां बौद्ध श्रद्धालु दर्शन को जाते है.
भगवान बुद्ध की तपोस्थली ढ़ूंगेश्वरी पहाड़ी की तलहट्टी में लारपुर गांव स्थित बौद्ध विहार परिसर में भगवान बुद्ध की विश्राम मुद्रा में प्रतिमा स्थापित है. इसे करीब तीन चार पहले तैयार किया गया था . बोधगया स्थित महाबोधि मेडिटेशन सेंटर की शाखा उरुवेला फॉरेस्ट मेडिटेशन सेंटर परिसर में प्रवेश द्वार के पास प्रतिमा का निर्माण किया गया है , जो यहां आने वाले श्रद्धालुओं के लिए आकर्षण का केंद्र है. प्रतिमा की ऊंचाई लगभग 50 फुट है और लंबाई 80 फुट है. प्रतिमा के नीचे साधना कक्ष तैयार किया गया है.
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विश्व धरोहर हाबोधि मंदिर के गर्भगृह में भगवान बुद्ध की भूमि स्पार्श मुद्रा में प्रतिमा स्थापित है. बोधगया स्थित 80 फुट बुद्ध मूर्ति साधना मुद्रा में स्थापित है. पर, गया-राजगीर रोड में सड़क किनारे बैजनाथपुर के पास भगवान बुद्ध की भूमि स्पर्श मुद्रा में आकर्षक प्रतिमा तैयार किया जा रहा है. प्रतिमा की ऊंचाई 124 फुट है.और इसमें केवल मूर्ति की ऊंचाई 88 फुट है. थाइलैंड की एक संस्था व बौद्ध मंदिर द्वारा इस प्रतिमा का निर्माण लगभग तीन वर्ष पहले शुरू किया गया था.
इसे राजस्थान के कारीगरों द्वारा तैयार किया जा रहा है.और इसके लिए वाराणसी क्षेत्र से पत्थर मंगाये जा रहे है. पत्थरों को जोड़ कर उसे तराशा जा रहा है.और मूर्ति का आकार दिया जा रहा है. इसे पूर्ण रूप से तैयार होने में दो-तीन वर्ष और लग सकता है. परिसर में स्वीमिंग पूल व पार्क आदि भी तैयार किये जा रहे है.