गया. केंद्रीय राज्य मंत्री (वित्त) पंकज चौधरी एक दिवसीय दौरे पर गया पहुंचे और उनकी अध्यक्षता में समाहरणालय के सभागार में आकांक्षी जिला कार्यक्रम की समीक्षा की गयी. इस समारोह को संबोधित करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री का दृढ़संकल्प है कि एक समान सभी का विकास हो. गया जिले में नक्सलग्रस्त क्षेत्रों में विकास के अनेकों काम हुए हैं. जिसके लिए समय-समय पर नीति आयोग गया जिले को स्पेशल पैकेज भी देने का काम किया गया है. भविष्य में और भी अनेकों प्राइज गया जिले को मिलेंगे. गया जिला में जो भी कार्य हुए हैं वह एक गौरव की बात है. केंद्रीय मंत्री ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि धान व गेहूं जैसे खेती से हटकर क्रॉप डायवर्सन का अच्छा काम गया जिले ने किया है, जो किसानों को अत्यंत लाभ पहुंचायेगा. गया जिला में वर्षा का अभाव देखा जाता है. इसके बावजूद भी अन्य खेती से किसानों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा. मंत्री ने कहा कि मृदा हेल्थ कार्ड के बारे में किसानों को जागरूक कराये. जगह-जगह पर जाकर जागरूकता अभियान चलाये.
बैंकिंग क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाओं को लागू कराने में दूसरे स्थान पर है गया जिला
अग्रणी बैंक प्रबंधक एलडीएम ने बताया कि बैंक के क्षेत्र से भी किसानों व गया जिलावासियों को केंद्र सरकार की योजनाओं से भरपूर लाभान्वित कराया जा रहा है. इसका परिणाम है कि बैंक के क्षेत्र में केंद्र सरकार की योजनाएं बिहार राज्य में गया जिला नंबर दो पर स्थित है. चाहे वह प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना हो या जनधन योजना या मुद्रा लोन का हो सभी में गया जिला द्वितीय नंबर पर बना हुआ है, जो काफी खुशी की बात है.
गया के लिए जिला इकोनाॅमिक प्लान तैयार कर रहा नीति आयोग
डीएम ने बताया कि आकांक्षी जिला के तहत गया जिले में 50 मॉडल स्कूल बनाये गये हैं. कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय में स्मार्ट क्लास की व्यवस्था करायी गयी है. डीएम ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि नीति आयोग द्वारा गया जिले के लिए जिला इकोनाॅमिक प्लान तैयार किया जा रहा है. इससे गया को और अधिक फायदे होंगे, जो भविष्य में देश में गया जिला एक विशेष पटल पर दिखेगा.
गर्भवती महिलाओं को लेकर जिले दिया जाता है विशेष ध्यान, है अच्छी पहल : केंद्रीय मंत्री
डीएम ने बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में गया जिले में बड़े पैमाने पर अनेकों कार्य किये गये हैं. विशेष कर गर्भवती महिलाओं को एएनसी चेकअप के संबंध में बताया कि गर्भवती महिलाओं का अलग-अलग माह में कुल चार बार जांच किया जाता है, जो 100 प्रतिशत अचीवमेंट है. इस पर केंद्रीय मंत्री ने खुशी प्रकट करते हुए कहा कि एक अच्छी पहल है. गर्भवती महिलाओं को पोषण युक्त खाना भी दिया जाता है. इसके अलावा 100 प्रतिशत महिलाओं को एनीमिया का जांच भी करायी जाती है. हर माह इसकी डोर टू डोर जांच भी की जाती है. बोधगया में मॉडल के रूप में 500 महिलाओं जो एनीमिया से अत्यंत ग्रसित थीं. उन्हें आईसीटीएस एवं जीविका के माध्यम से पोषण युक्त खाना खिलाने एवं आयरन का टेबलेट खिलाने के लिए एक अभियान चलाया गया. जिसका परिणाम काफी सकारात्मक मिला.
पहले की तुलना में अब बच्चों के ड्रॉपआउट की संख्या में आयी है बेहद कमी
शिक्षा विभाग के क्षेत्र में डीएम ने बताया कि पहले की तुलना में अब बच्चों के ड्रॉपआउट की संख्या में बेहद कमी आयी है, जो काफी खुशी की बात है. राज्य सरकार द्वारा जिले में प्राथमिकता के आधार पर नये विद्यालय भवन का भी निर्माण कराया जा रहे हैं. सभी विद्यालयों में पेयजल टॉयलेट की व्यवस्था रखी गयी है. इसके अलावा अतिरिक्त क्लासरूम किचन इत्यादि का भी निर्माण करवाया जा रहा है.
सीएम के प्रयास से गया में लाया गया गंगाजल
कृषि विभाग के समीक्षा के दौरान डीएम ने कहा कि गया जिला सुखाड़ ग्रसित क्षेत्र है. यहां ड्रिप इरिगेशन की अत्यंत आवश्यकता है, इसके लिए बड़े पैमाने पर प्रचार प्रसार कराये जा रहे हैं. मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रयास के कारण पटना बख्तियारपुर से गंगाजल लाकर गया एवं बोधगया को उपलब्ध करवाने का कार्य किया गया है, जो गया की जनता इसका भरपूर लाभ उठा रही है.
लेमनग्रास को किया जा रहा है प्रमोट
डीएम ने बताया कि गया जिला के सुधार भारती क्षेत्र जहां बंजर भूमि है, पहाड़ से घिरा हुआ क्षेत्र है. जहां किसान अपनी खेती करने में काफी दिक्कत होती है. उन क्षेत्र के किसानों के लिए लगभग 700 एकड़ में पानी की कमी को देखते हुए लेमनग्रास को प्रमोट किया गया है, ताकि कम पानी में भी या खेती हो सके.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है