10 हजार से अधिक श्रद्धालुओं ने की पूजा-अर्चना

वैशाख पूर्णिमा पर गुरुवार को विष्णुपद मंदिर में पूरे दिन आस्था का मेला लगा रहा. सूर्योदय के साथ पूजा-अर्चना के निमित्त श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह देर रात तक जारी रहा.

By Prabhat Khabar News Desk | May 23, 2024 10:53 PM

गया. वैशाख पूर्णिमा पर गुरुवार को विष्णुपद मंदिर में पूरे दिन आस्था का मेला लगा रहा. सूर्योदय के साथ पूजा-अर्चना के निमित्त श्रद्धालुओं के आने का सिलसिला जो शुरू हुआ, वह देर रात तक जारी रहा. शहर सहित जिले के ग्रामीण क्षेत्र के अलावा आसपास के जिलों व देश के कई अन्य राज्यों के श्रद्धालु विष्णुपद मंदिर पहुंचे व यहां आकर उन्होंने भगवान श्रीविष्णु चरण व मंदिर में स्थापित अन्य देवी-देवताओं की फूल माला, तुलसी पत्र व अन्य पूजन सामग्री के साथ प्रसाद अर्पित कर पूजा की. काफी श्रद्धालु पूजा-अर्चना के बाद अपने घर जाने के दौरान में शृंगार सामग्रियों के साथ-साथ बच्चों के खिलौने की भी खरीदारी की. मंदिर प्रांगण में शृंगार सामग्रियों सहित गया धरोहर से जुड़े सामान के साथ-साथ खिलौने की भी कई अस्थायी दुकानें लगी थीं, जहां से श्रद्धालुओं ने अपनी जरूरत के अनुसार खरीदारी की. मंदिर प्रबंधन समिति की ओर से श्रद्धालुओं को किसी तरह की परेशानी नहीं हो, इसके लिए पानी, सफाई, रोशनी व अन्य बुनियादी जरूरतें समुचित मात्रा में उपलब्ध करायी गयी थी. सुरक्षा का भी समुचित प्रबंध देखा गया. भीड़ अधिक होने से समिति के कार्यकर्ताओं द्वारा श्रद्धालुओं को कतारबद्ध कर मंदिर के गर्भ गृह में प्रवेश कराया जा रहा था. इधर, पूर्णिमा पर विष्णुपद, देवघाट, सीता कुंड व अक्षयवट सहित कई अन्य वेदी स्थलों पर काफी तीर्थयात्रियों ने अपने पितरों के आत्मा की शांति व मोक्ष प्राप्ति की कामना को लेकर पिंडदान, श्राद्धकर्म व तर्पण का कर्मकांड संपन्न किया. श्री विष्णुपद प्रबंधकारिणी समिति के सदस्य मणिलाल बारिक ने बताया कि वैशाखी पूर्णिमा पर पिंडदान का विशेष महत्व माना गया है. इस तिथि को पिंडदान करने से पितरों को जहां विष्णु लोक की प्राप्ति होती है. वहीं श्राद्धकर्ता को पितरों का आशीर्वाद मिलता है.

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