गया. मगध प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एएनएमएमसीएच में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. इसकी रोकथाम के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. अस्पताल के बाहरी हिस्से में गंदगी का अंबार लगा हुआ है. नाली का पानी भी खुले में ही बहता है. इसके चलते मच्छरों का प्रकोप अधिक बढ़ गया है. सर्जरी व मेडिसिन वार्ड के अंदर 200 मरीज व करीब 1000 परिजन व कर्मचारी हर वक्त मौजूद रहते हैं. लोगों ने बताया कि दिन भर मच्छर काटते हैं. शाम चार बजे के बाद मच्छर का आतंक यहां बढ़ जाता है. अस्पताल प्रशासन की ओर से दावा के छिड़काव से भी मच्छरों के ऊपर कोई अंतर नहीं पड़ता है. इन वार्डों के पीछे खुले में नाले का पानी बहता है. इसके साथ ही एआरटी सेंटर के बगल में गंदगी व कचरा का अंबार लगा हुआ है. इएनटी वार्ड में 20 मरीज के साथ 50 से अधिक कर्मचारी व परिजन रहते हैं. यहां भी बाहर में नाला बिना ढक्कन का ही बहता है. इसके अलावा हड्डी रोग विभाग के वार्ड में हर वक्त 80 बेड फुल ही रहता है. इनके साथ परिजनों की संख्या 300 से कम नहीं होती है. यहां पर भी सभी लोग मच्छर से परेशान रहते हैं. फेब्रिकेटेड वार्ड में 30-35 मरीज के साथ 100 से अधिक परिजन भी रहते हैं. इसके बाहर में ही कचरा व गंदगी के साथ नाले का पानी जमा रहता है. इसके चलते यहां पर मच्छर से मरीज व परिजन के साथ कर्मचारी भी परेशान रहते हैं. एक डॉक्टर ने बताया कि एक मरीज के ऑपरेशन के बाद छुट्टी होनी थी. एक दिन पहले मच्छर काटने से मरीज को मलेरिया हो गया. उसकी छुट्टी टालनी पड़ी. गंदगी हटाए बिना मच्छरों का प्रकोप कम नहीं होगा. अस्पताल उपाधीक्षक डॉ एनके पासवान ने बताया कि अस्पताल में फॉगिंग मशीन की खरीद पिछले वर्ष ही की गयी है. फॉगिंग कराने का निर्देश दिया जा रहा है.
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एएनएमएमसीएच में मच्छरों ने बढ़ाया मरीजों का मर्ज
मगध प्रमंडल के सबसे बड़े अस्पताल एएनएमएमसीएच में इन दिनों मच्छरों का प्रकोप बढ़ गया है. इसकी रोकथाम के लिए अस्पताल प्रशासन की ओर से सिर्फ खानापूर्ति की जा रही है. अस्पताल के बाहरी हिस्से में गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
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