बोधगया. बुद्ध पूर्णिमा के अवसर पर मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री मोहन यादव ने बोधगया मठ में स्थित अपनी कुलदेवी मां बराही के गद्दी पर पूजा- अर्चना की. मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बनने के पूर्व में भी उन्होंने यहां आकर आशीर्वाद प्राप्त कर पत्नी व पूरे परिवार सहित विशेष पूजन का संकल्प लिया था. संकल्प पूर्ण करने को लेकर ही वह पूरे परिवार के सदस्यों के साथ-साथ 11 वैदिक आचार्यों की उपस्थिति में विशेष मनोकामना सिद्धी तथा परिवार के स्वास्थ्य व मध्य प्रदेश की जनता के मंगल के लिए पूजन किया. इस मौके पर बोधगया मठ के महंत त्रिवेणी गिरि ने बोधगया मठ के इतिहास से अवगत कराया. मध्यप्रदेश के ग्वालियर में स्थित सबसे बड़े गौशला श्री कृष्णायन देशी गौरक्षाशाला के संचालक स्वामी अच्युतानन्द जी एवं स्वामी कमलानंद जी पूजा-अर्चना के बाद बोधगया मठ के प्राचीन अतिथिशाला के जीर्णोद्धार का अवलोकन किया तथा फीता खोलकर उद्घाटन किया. इस अवसर पर मठ के महात्मा स्वामी विवेकानंद गिरि द्वारा बताया गया कि अतिथिशाला वर्ष 1811 में बनवायी गयी थी, जिसमें पूर्व प्रधानमंत्री, राष्ट्रपति, स्वामी विवेकानंद, रवींद्र नाथ टैगोर आदि विभूतियों ने भी विश्राम किया है. इस अवसर पर मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि बोधगया मठ में आना व्यक्तिगत, धार्मिक तथा अध्यात्मिक साधन है, जिससे मुझे तथा मेरे परिवार को ऊर्जा मिलती है. मुख्यमंत्री द्वारा बोधगया मठ के सभी महात्माओं को वचन दिया गया कि बोधगया मठ के विकास के लिए हर संभव प्रयास करेंगें और भविष्य में भी अपने कुलदेवी के दर्शन करने आते रहेंगे. इस अवसर पर पूर्व सांसद हरि मांझी, रामजी मांझी, संजय सिंह, शंकर यादव, संजय यादव, सुरेंद्र गुप्ता, सतीश सिंह, भाजपा जिला अध्यक्ष, क्षितिज मोहन सिंह व विहिप के अनेक कार्यकर्ताओं व अन्य उपस्थित थे.
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