ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन के मामले में नालंदा व गया अव्वल, यातायात नियमों की अनदेखी से बढ़ी घटनाएं
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के मामले में नालंदा जिला अव्वल है. इस मामले में गया जिला के बाद दूसरे स्थान पर नालंदा जिला है. वर्ष 2022 में ट्रैफिक नियमें के उल्लंघन में 2 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी है
अरूण कुमार, बिहारशरीफ. ट्रैफिक नियमों के उल्लंघन की वजह से जिले में सड़क हादसों को बढ़ावा मिल रहा है. ट्रैफिक पुलिस द्वारा लगातार वाहन चेकिंग अभियान, जागरूकता व गोष्ठियों का आयोजन किया जा रहा है, जिससे सड़क दुर्घटनाएं कम हो. इन सभी प्रयासों को दरकिनार करते हुए लगातार ट्रैफिक नियमों का उल्लंघन किया जा रहा है. नियमों के उल्लंघन की बात यह देखिए कि दो सवारियों की बाइक पर तीन और चार सवारी बैठकर फर्राटे भरते रहते हैं. यह नजारा सुदूर ग्रामीण क्षेत्र में तो छोड़ दीजिए, जिला मुख्यालय की सड़कों पर रोज – रोज देखने को मिल जाती है.
बाइक पर दो सवारी की जगह तीन और चार सवारी तो बैठे ही रहते हैं, ताज्जुब वाली बात यह है कि एक भी सवारी हेलमेट पहने नहीं होते हैं. ऐसा भी नहीं है कि ट्रैफिक पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही है. ट्रैफिक पुलिस के साथ ही सिविल पुलिस की ओर से अक्सर चेकिंग अभियान में इस तरह के लोगों से अब तक 21305500 रुपये जुर्माना वसूले गये हैं. ये बाइक सवार इतने चालाक हाेते हैं कि जिस रास्ते पर चेकिंग चल रहा होता है, उस रास्ते से चलते नहीं है या फिर चेकिंग स्थल से पूर्व ही उतर जाते हैं.
आज युवा नियमों के उल्लंघन को समझते हैं शान
आज के कुछ युवा ऐसे हैं जो नियमों का उल्लंघन को अपनी शान समझते हैं. पकड़े जाने पर जुर्माना भर देते हैं, लेकिन इससे सीखने के बजाय बार – बार वहीं करते हैं. तीन – चार सवारियों के साथ चलने वाले बाइकर्स अपने दोस्तों के बीच इसका उल्लेख कर बाह – बाही लूटते हैं. इसका खामियाजा कई बार दुर्घटना के रूप में उन्हें भुगतना पड़ता है. अभिभावकों को इन सब बातों का शायद पता हो या न हो, लेकिन उन्हें इस संबंध में सतर्क होने की जरूरत है.
ट्रैफिक नियम तोड़ने में नालंदा दूसरे स्थान पर
ट्रैफिक नियमों को तोड़ने के मामले में नालंदा जिला अव्वल है. इस मामले में गया जिला के बाद दूसरे स्थान पर नालंदा जिला है. वर्ष 2022 में ट्रैफिक नियमें के उल्लंघन में 2 करोड़ से अधिक की वसूली हो चुकी है. इसमें सीट बेल्ट नहीं लगाने वालों से 2,40,000 रुपये, हेलमेट न पहनने वालों से 1,54,18,000 अन्य नियमों का पालन करने वालों से 51,99,500 रुपये जुर्माना के रूप में वसूले गये हैं.
अभियान चलाने से दुर्घटनाएं व मौतों में आयी कमी
लगातार जागरूकता अभियान, गोष्ठी व वाहन चेकिंग अभियान चलाने का थोड़ा असर हुआ है. वर्ष 2020 में सड़क हादसे की 484 घटनाएं हुई थी और इन हादसों में 377 लोगों की मौत हुई थी. 2022 में इसमें कमी आई है. वर्ष 2022 में 424 हादसे हुए, इनमें 349 लोगों की मौत हुई है.
क्या कहते हैं अधिकारी
नालंदा के ट्रैफिक डीएसपी अरूण कुमार सिंह ने कहा कि यातायात पुलिस के द्वारा ट्रैफिक नियमों का पालन कराने के लिए यातायात वाहन चेकिंग अभियान चलाया जा रहे हैं. इसके अलावा जागरूकता अभियान व गोष्ठी का भी आयोजन किया जा रहा है. इसके बाद भी ट्रैफिक नियमों का लगातार उल्लंघन हो रहा है. वर्ष 2022 में वाहन चेकिंग अभियान के दौरान 2,13,05,500 रुपये वसूले गये हैं. इसमें बिना सीट बेल्ट वालों से 2,40,000 रुपये व बिना हेलमेटर के बाइक चलाने वालों से 1,54,18,000 रुपये जुर्माना के रूप में वसूले गये हैं.
Also Read: नालंदा में तकनीक से आगे निकला देसी जुगाड़, स्कूटी एक साथ पेट्रॉल-बैट्री से चलने को तैयार
वर्ष 2022 में वाहनों से की गयी वसूली
-
माह – सीट बेल्ट – बिना हेलमेट – अन्य
-
जनवरी – 12,000 – 16,41,000 – 5,28,500
-
फरवरी – 40,000 – 9,95,000 – 7,16,500
-
मार्च – 14,000 – 17,96,000 – 5,94,500
-
अप्रैल – 19,000 – 14,77,000 – 4,15,000
-
मई – 21,000 – 13,57,000 – 4,78,000
-
जून – 10,000 – 13,24,000 – 4,73,000
-
जुलाई – 26,000 – 12,87,000 – 2,94,500
-
अगस्त – 14,000 – 14,02,000 – 5,33,000
-
सितंबर – 13,000 – 13,08,000 – 3,71,000
-
अक्तूबर – 17,000 – 9,46,000 – 3,81,000
-
नवंबर – 18,000 – 10,12,000 – 3,92,000
-
दिसंबर – 36,000 – 8,73,000 – 4,70,500
पिछले तीन वर्षों में हुई दुर्घटनाएं व मौतें
-
वर्ष – घटनाएं – मृतकों की संख्या
-
वर्ष 2020 में – 484 – 377
-
वर्ष 2021 में – 437 – 367
-
वर्ष 2022 में – 424 – 349