गया. गया-कोडरमा रेलखंड का गुरपा-गझंडी घाट सेक्शन में मंगलवार को केन बम मिलने के बाद फिर से दो दशक पहले की नक्सली घटना की याद ताजा हो गयी हैं. नक्सलियों के द्वारा दो दशक पूर्व गुरपा रेलवे स्टेशन के पूर्वी केबिन के पास दो व्यक्तियों की गला रेत कर हत्या कर शव को रेलवे ट्रैक पर रख दिया गया था. वहीं 2011 में गुरपा स्टेशन के पास ही नक्सलियों ने डाउन रेलखंड के ट्रैक को बम से डेढ़ फुट तक उड़ा दिया गया था. नक्सलियों के द्वारा बंद के आह्वान पर उक्त रेल खंड पर सुरक्षा के दृष्टिकोण से ट्रेनों का परिचालन रोक दिया जाता था. वहीं कई बार गया-कोडरमा रेलखंड के विभिन्न स्टेशनों पर नक्सलियों के द्वारा धमकी भरा पर्चा सटा जाता था. नक्सलियों के साथ कई बार पुलिस से मुठभेड़ की घटना हो चुकी है. वहीं राज्य सरकार ने नक्सलियों के प्रभाव को समाप्त करने के लिए गुरपा में ओपी खोला और एसएसबी की तैनाती की गयी थी. एसएसबी की तैनाती के बाद गुरपा वन क्षेत्र के अंतर्गत कई हथियारों का जखीरा बरामद किया गया. नक्सली घटनाओं पर काफी हद तक अंकुश लग चुका है. केन बम बरामदगी मामले में जांच के बाद ही सच्चाई सामने आयेगी कि घटना में नक्सलियों का हाथ है या फिर किसी असामाजिक तत्व के द्वारा घटना को अंजाम दिया गया है. गया-कोडरमा रेलखंड पर बंसकटवा-यदुग्राम स्टेशन के बीच अप लाइन के पास मंगलवार की दोपहर केन बम मिलने के बाद अफरा-तफरी का माहौल कायम है. बताया जाता है कि मंगलवार को 11:30 से लेकर 12:20 तक कोडरमा-गया रेलखंड पर तीन ट्रेनों का परिचालन किया गया है. इसमें रांची-कोसी एक्सप्रेस, पुरी-नयी दिल्ली पुरुषोत्तम एक्सप्रेस व आसनसोन-वाराणसी पैसेंजर ट्रेन शामिल है. बम मिलने पर तीन घंटे तक गया-कोडरमा रेलखंड पर रेल परिचालन अप लाइन व डाउन पर प्रभावित रहा.
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