विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीन अनुसंधान की जरूरत
सीयूएसबी के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा यूजीसी एमएमटी-पीपी, शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिविन्यास व संवेदीकरण कार्यक्रम पर चर्चा का आयोज हुआ.
गया. सीयूएसबी के मालवीय मिशन शिक्षक प्रशिक्षण केंद्र (एमएमटीटीसी) द्वारा यूजीसी एमएमटी-पीपी, शिक्षा मंत्रालय की योजना के तहत राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 अभिविन्यास व संवेदीकरण कार्यक्रम पर आठ दिवसीय संकाय विकास कार्यक्रम का आयोजन कुलपति प्रो कामेश्वर नाथ सिंह के कुशल नेतृत्व में 30 अप्रैल से आठ मई तक ऑनलाइन माध्यम से प्रभावी ढंग से संपन्न किया गया. इसमें देश के 12 राज्यों से प्रतिभागियों ने सक्रिय रूप से प्रतिभाग किया. सीयूएसबी के कुलपति प्रो सिंह के अनुसार वर्ष 2024 के लिए सीयूएसबी का आदर्श वाक्य है- सीयूएसबी परिवार विकसित भारत @2047 के लिए समर्पित. समापन सत्र की शुरुआत प्रोफेसर रविकांत के स्वागत भाषण से हुआ. इसके बाद डॉ तरूण कुमार त्यागी ने उच्च शिक्षा संस्थानों के शिक्षकों के लिए आठ दिवसीय राष्ट्रीय प्रशिक्षण कार्यक्रम में एनइपी 2020 के मुख्य विषय के 16 उप-विषयों पर हुए इंटरैक्टिव सत्र की विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत की. समापन सत्र के मुख्य अतिथि मगध विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर शशि प्रताप शाही ने अपने संबोधन में इस बात पर प्रकाश डाला कि एनइपी 2020 पूर्व प्राथमिक शिक्षा से उच्च शिक्षा तक माध्यम के रूप में क्षेत्रीय भाषा के बारे में बात करता है. उन्होंने एनइपी 2020 के कई महत्वपूर्ण बिंदुओं पर भी प्रकाश डाला जो ऐसे दृष्टिकोण और सुझावों को शामिल करके हमारी शिक्षा प्रणाली को अधिक छात्र केंद्रित बनने में मदद कर सकते हैं. उन्होंने प्रतिभागियों को विकसित भारत के लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए नवीन अनुसंधान और विकास करने के लिए भी प्रोत्साहित किया. प्रोफेसर आरके सिंह ने अपने अध्यक्षीय भाषण में शिक्षकों को राष्ट्र निर्माता बनने और देश को विश्वगुरु बनाने के लिए हर संभव तरीके से अपनी क्षमता का योगदान देने के लिए प्रोत्साहित किया. कार्यक्रम के अंतिम दिन प्रोफेसर शेफाली नागपाल, बीपी सिंह महाविद्यालय, सोनीपत, हरियाणा ने सत्र की शुरुआत अपने उद्बोधन से की.
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