Loading election data...

फोन जब्त, WiFi बंद… बिहार की पूर्व MLC मनोरमा देवी के घर में NIA का हर एक एक्शन जानिए

गया में पूर्व एमएलसी मनोरमा देवी के घर में घुसते ही एनआइए ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया. जानिए एनआइए रेड की पूरी कहानी...

By ThakurShaktilochan Sandilya | September 20, 2024 10:18 AM
an image

रोशन कुमार, गया: भाकपा-माओवादी संगठन से सांठगांठ, हथियार सप्लाइ व फडिंग से जुड़े मामलों को लेकर एनआइए (NIA) ने गुरुवार को गया शहर की एपी कॉलोनी में स्थित पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी (जिला पर्षद के पूर्व चेयरमैन बिंदी यादव उर्फ बिंदेश्वरी प्रसाद यादव की पत्नी) के आवास पर छापेमारी (Nia Raid) की. सुबह करीब चार बजे से रात आठ बजे तक छापेमारी होती रही. मनोरमा देवी के घर से 4 करोड़ रुपए से अधिक कैश राशि और 10 हथियार बरामद हुए. कैश गिनने वाली मशीन भी एनआइए ने मंगवायी वहीं संदूक में भरकर कैश ले जाया गया.

फोन जब्त किया, वाइफाई बंद किया, मनोरमा देवी के घर को घेरा

जब एनआइए ने मनोरमा देवी के घर में दबिश डाली तो उस समय घर में मनोरमा देवी व उनका बड़ा बेटा मौजूद था. एनआइए ने पूर्व विधान पार्षद मनोरमा देवी व उनके बड़े बेटे राकेश रंजन यादव उर्फ रॉकी यादव सहित तीन सरकारी बॉडीगार्ड व कर्मचारियों का मोबाइल फोन एनआइए ने जब्त कर लिया और लैंडलाइन-वाईफाई कनेक्शन को बंद कर दिया. साथ ही पूर्व विधान पार्षद के घर को चारों तरफ से एसएसबी के डिप्टी कमांडेंट आशीष कुमार के नेतृत्व में उनके जवानों ने घेर लिया. वहीं, एसएसपी आशीष भारती के निर्देश पर स्थानीय सहयोग को लेकर रामपुर थाने की पुलिस व पुलिस लाइन ने एक अतिरिक्त पुलिस बलों की तैनाती कर दी गयी.

ALSO READ: NIA Raid: बिहार की पूर्व MLC मनोरमा देवी ने घर में क्यों रखे थे 4 करोड़ रुपए, जब्त हथियारों का क्या है राज?

हथियार और कैश मिले तो फिर क्या हुआ…

एनआइए की इस छापेमारी में मनोरमा देवी के घर से चार करोड़ तीन लाख कैश, अलग-अलग बोर के 10 हथियार और कई इलेक्ट्रॉनिक्स डिवाइस बरामद किये गये. कार्रवाई के कुछ ही घंटों के बाद पूर्व विधान पार्षद के घर से रुपये मिलने पर एनआइए ने तुरंत स्टेट बैंक के वरीय अधिकारियों से संपर्क साधा और शहर के एपी कॉलोनी में स्थित स्टेट बैंक के चीफ मैनेजर शशिकांत व कैशियर सहित अन्य बैंककर्मियों को रुपये गिनने की मशीन को लेकर बुलाया. करीब 12 बजे स्टेट बैंक के चीफ मैनेजर व कैशियर वहां पहुंचे. लेकिन, जब एनआइए को ऐसा लगने लगा कि रुपये गिनने के लिए एक मशीन से काम नहीं चलेगा, तो बैंक अधिकारियों के माध्यम से एक और मशीन करीब दो बजे मंगायी. तब रुपये की गिनती आसानी से होने लगी.

हथियारों का जखीरा मिलने पर लाइसेंसधारियों को किया तलब

छापेमारी के दौरान पूर्व विधान पार्षद के घर से काफी संख्या में अत्याधुनिक हथियार मिले. हालांकि, इसमें कुछ हथियार सरकारी थे, जो पूर्व विधान पार्षद और उनके छोटे बेटे जैकी के सरकारी बॉडीगार्ड के थे. इसके अलावा कई अत्याधुनिक हथियार मिले, जिसके बारे में एनआइए को बताया गया कि ये लाइसेंसधारी बंदूक हैं और उनके दोस्तों की हैं. तब एनआइए ने पूर्व विधान पार्षद से कहा कि उन सभी लोगों को घर के अंदर बुलाइए, जिनके-जिनके हथियार हैं. तब पूर्व विधान पार्षद के बुलावे पर मुन्ना यादव, अजय शर्मा, कामेश्वर यादव, संजय यादव, गया प्रसाद, बलबीर यादव व रवि कुमार वहां पहुंचे. इन सभी लोगों से एनआइए ने कई बिंदुओं पर पूछताछ की और उन्हें आर्म्स लाइसेंस के नियमों से संबंधित कई बातों की जानकारी दी और कैरी सर्टिफिकेट सहित अन्य बातों के बारे में पूछताछ की.

रॉकी के दोस्तों के भी थे हथियार

हालांकि, जिन-जिन लोगों को हथियारों से संबंधित पूछताछ के लिए बुलाया गया था, वे पूर्व विधान पार्षद के सहयोगी हैं. इसमें तो कुछ ऐसे लोग हैं, जो सीआरपीएफ व सीआइएसएफ में जॉब करते थे. लेकिन, पूर्व विधान पार्षद के बेटे रॉकी यादव से गहरी दोस्ती के कारण नौकरी से त्यागपत्र देकर उनके साथ गार्ड या सहयोगी के रूप में 24 घंटे साथ रहते थे. ये लोग रात में अपना-अपना हथियार पूर्व विधान पार्षद के घर पर प्रतिदिन रात में रख कर चले जाते थे और फिर सुबह उनके घर पर आकर अपना-अपना हथियार संभाल लेते थे.

अकांउटेंट को भी पूछताछ के लिए बुलाया, लेकिन घर के अंदर नहीं हुआ प्रवेश

छापेमारी के दौरान एनआइए ने रॉकी यादव के लैपटॉप से उनकी कंपनी से संबंधित रुपये के लेने-देन को लेकर कई बातों की जानकारी मिली. तब एनआइए ने अपने अधीनस्थ को घर से बाहर भेजा और तीन-चार पेन ड्राइव खरीद कर लाने की बात कही. इसी दौरान एनआइए ने पूर्व विधान पार्षद को अपने अकाउंटेंट को बुलाने का निर्देश दिया. तब अकाउंटेंट को फाेन किया गया और वह वहां पहुंचे, लेकिन सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें मुख्य गेट पर रोक दिया और जवाब दिया गया कि आसपास रहिए, अंदर से बुलाया जायेगा तो जाइएगा. इधर, अकाउंटेंट ने बताया कि वह जमदेशपुर के रहनेवाला है और उनका नाम नर्मेदेश्वर सिंह है. वह काउस्ट अकाउंटेंट हैं. उन्होंने सुरक्षाकर्मियों को अपना पहचान पत्र से संबंधित कार्ड भी दिखाया. लेकिन, उन्हें अंदर नहीं जाने दिया.

Exit mobile version