गया. बिल्डिंग व मकान को ढक कर नहीं बनाने, बिल्डिंग मटेरियल को रोड किनारे रखने पर जुर्माना लगाने की बात निगम अधिकारियों ने की थी, पर अब तक कार्रवाई सिफर है. देखा जाये, तो शहर में लगभग जगहों पर रोड पर बिना ढके बिल्डिंग व मकान बनाने के साथ ही बिल्डिंग मटेरियल यूं ही पड़े मिल जायेंगे. कई दिनों तक सड़क के किनारे व कुछ हिस्सों में बिल्डिंग मटेरियल पड़ा रहता है, निगम के अधिकारी हर दिन विभिन्न कामों को लेकर गुजरते हैं. इसके बाद भी इन पर कार्रवाई नहीं की जाती है. जुर्माने की घोषणा के बाद कुछ दिनों तक सख्ती दिखायी गयी, लेकिन बाद में सब कुछ शांत हो गया. अब लोग बेखौफ होकर बिल्डिंग मटेरियल सड़क किनारे रख रहे हैं. निगम के सिटी मैनेजर ने इस बारे में पूछने पर कहा कि किस रोड में बिल्डिंग मटेरियल रखा हुआ, जानकारी लोग देंगे, तो कार्रवाई होगी. निगम से मिली जानकारी के अनुसार, बिल्डिंग मटेरियल रोड किनारे रखने का मालिक को 24 घंटे का एक हजार रुपया निगम में जमा कराना है. रुपये नहीं जमा कराने की स्थिति में निगम के अधिकारी को 24 घंटे का पांच हजार रुपये फाइन करना है. लेकिन, ऐसा बहुत ही कम होता है. निगम के एक कर्मचारी ने बताया कि बिल्डिंग बनाने वाले रसूखदार होते हैं या फिर किसी पार्षद के जान-पहचान वाले. इसके चलते कार्रवाई नहीं हो पाती है.
लोगों की होती है फजीहत
सड़क किनारे बिल्डिंग मटेरियल में लोग ईंट, गिट्टी, बालू अधिक गिरवाते हैं. इसके उठाने के बाद भी कुछ सड़क किनारे ही बच जाता है. इसके कारण एक्सीडेंट हो जाता है. इतना ही नहीं निगम की ओर से अधिकारी ने दो दिन पहले ही सदर हास्पिटल के बाहर वेंडिंग जोन बनाने की बात कही. लेकिन, यहां पर बिल्डिंग मटेरियल रख कर बेचा जा रहा है. कार्रवाई के नाम पर निगम के अधिकारी का एक ही बहाना होता है कि पुलिस बल समय पर उपलब्ध नहीं कराया जाता है.क्या कहते हैं सिटी मैनेजरशहर में सड़क किनारे बिल्डिंग मटेरियल गिराना बहुत गलत है. इस पर जांच कर निगम की ओर से पांच हजार रुपये फाइन किया जाता है. पुलिस बल समय पर नहीं मिलने के चलते दिक्कत होती है. ऐसे कार्रवाई लगातार ही की जाती है.
आसिफ सेराज, सिटी मैनेजर, नगर निगमडिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है