जिले के दो सरकारी ब्लड बैंकों में महज 10 यूनिट खून
वर्ल्ड ब्लड डोनर्स डे के मौके पर भी एक भी संस्था यहां रक्तदान शिविर नहीं लगा रही है. फिलहाल स्थिति यह है कि जिले के दो सरकारी ब्लड बैंकों में महज 10 यूनिट खून ही बचा हुआ है.
गया. वर्ल्ड ब्लड डोनर्स डे के मौके पर भी एक भी संस्था यहां रक्तदान शिविर नहीं लगा रही है. फिलहाल स्थिति यह है कि जिले के दो सरकारी ब्लड बैंकों में महज 10 यूनिट खून ही बचा हुआ है. इसमें एएनएमएमसीएच के ब्लड बैंक में दो यूनिट व जेपीएन हॉस्पिटल के ब्लड बैंक में आठ यूनिट ब्लड बचा हुआ है. एएनएमएमसीएच स्थित ब्लड बैंक प्रभारी डॉ दिलीप पांडेय ने बताया कि पिछले कुछ दिनों से कैंप नहीं लगने के कारण यहां खून की कमी हो गयी है. फिलहाल थेलेसिमिया मरीज को भी यहां ब्लड नहीं मिल पा रहा है. किसी को जरूरत रहने पर डोनेशन के बाद प्रोसेस करके उसे ब्लड उपलब्ध कराया जा रहा है. इसके अलावा एक्सीडेंटल या फिर अन्य गंभीर मरीजों के लिए भी यहां ब्लड उपलब्ध नहीं है. किसी तरह से यहां पर काम चलाया जा रहा है. अगले 10 दिनों तक भी किसी कैंप की स्थिति नहीं बन पा रही है. जेपीएन के अस्पताल प्रबंधक संजय कुमार अंबष्ट ने बताया कि अस्पताल में इन दिनों ब्लड की कमी बहुत अधिक है. फिलहाल यहां पर आठ यूनिट ब्लड बचा हुआ है. जरूरतमंदों को यहां ब्लड देने में किसी तरह की देरी नहीं की जाती है. हलांकि, देखा जाये, तो यहां के दोनों ब्लड बैंकों का संचालन विभिन्न संस्थाओं के रक्तदान शिविर से ही चल रहा है.
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