ओटीए गया अब नये स्वरूप में दिखेगा

शॉर्ट सर्विस कमीशन टेक्निकल मेन एंड वीमेन को दी जा रही ट्रेनिंग : कमांडेंट

By Prabhat Khabar News Desk | June 3, 2024 11:05 PM

शॉर्ट सर्विस कमीशन टेक्निकल मेन एंड वीमेन को दी जा रही ट्रेनिंग : कमांडेंट गया़ ओटीए में 25वीं पासिंग आउट परेड शनिवार को होनी है. इससे पहले सोमवार को कमांडेंट अवार्ड सेरेमनी का आयोजन हुआ. इस दौरान प्रेस को संबोधित करते हुए ओटीए कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह मिन्हास (अति विशिष्ट सेवा मेडल) ने बताया कि टेक्निकल इंट्री स्कीम (टीइएस) के पासआउट हो रहे 60 सैन्य अधिकारी अभी पास आउट होकर एक वर्ष की टेक्निकल ट्रेनिंग के लिए कैडेट विंग्स मउ, पुणे व सिकंदराबाद जायेंगे. ओटीए गया प्री कमीशंस ट्रेनिंग सेंटर में एक है, जो सबसे युवा ट्रेनिंग एकेडमी है. 18 जुलाई 2011 को गया में ओटीए शुरू हुआ था. इस वर्ष 18 जुलाई को 13 वर्ष पूरा हो जायेगा और प्रौढ़ावस्था में ट्रेनिंग एकेडमी कदम रख रहा है. अप्रैल से शुरू हो गयी है ट्रेनिंग कमांडेंट ने बताया कि ओटीए गया का भविष्य अब दूसरे स्वरूप में दिखेगा. अथॉरिटी ने एक नया स्वरूप दिया है. एससीओ व टीइएस को अब तक ट्रेंड कर रहे थे. एक अप्रैल 2024 से शॉर्ट सर्विस कमीशन मेन एंड वीमेंस की ट्रेनिंग शुरू हो गयी है. इसमें 190 को ट्रेनिंग जा रही है. इनमें 21 लड़कियां हैं, ये बीटेक करके यहां ट्रेनिंग पा रही हैं. गया आर्मी सेंटर का इतिहास द्वितीय विश्व युद्ध के समय से है. 1971 के युद्ध के बाद यहां पांच हजार 21 पाकिस्तानी सेना के भी दो कैंप रहे थे. गया आर्मी सेंटर में 1947 से लेकर अब तक कोई न कोई मोड़ आता रहा है. एक और मोड़ आया है. अभी यहां शॉर्ट सर्विस कमीशन टेक्निकल मेन एंड वीमेन को मिलिटरी ट्रेनिंग दी जायेगी. पहली बार गया व बिहार में लड़कियों का कमीशन शुरू हो गया है. इसमें 21 लड़कियां ट्रेनिंग ले रही हैं. ओटीए गया को 2011 में 750 जेंटलमैन कैडेट को ट्रेनिंग देने की क्षमता रखी गयी थी. आज जेंटलमैन कैडेट्स की जगह एक नया नाम जेंडर न्यूट्रल ऑफिसर कैडेट दिया गया है, जिसकी ट्रेनिंग की 750 क्षमता रखी गयी है. अभी लगभग गया ओटीए में 450 को ट्रेनिंग देने की क्षमता है. अक्तूबर 2024 में छह सौ हो जायेगी और आने वाले समय में 700 से 760 तक जाने की उम्मीद है. अब तक जो ट्रेनिंग दी जा रही थी, उसमें भी सक्षम था और नये रोल में भी अपना टास्क बखूबी पूरा करेंगे. ट्रेनिंग हमारा मुख्य उद्देश्य है. ऑफिसर्स कैडेट हमारा एपी सेंटर हैं. उसको अच्छी ट्रेनिंग मिले. ओटीए गया में होनेवाला बेसिक कोर्स की ट्रेनिंग अब देहरादून में दी जायेगी कमांडेंट ने बताया कि भारतीय सेना में एक अच्छा जूनियर लीडर बने, यही ओटीए की कोशिश है. सभी के सहयोग से बिहार के बीच में ओटीए गया अपना काम अव्वल दर्जे से कर रहा है. आनेवाले समय में ओटीए का इतिहास और भी ब्राइट होगा. हम भारतीय सेना देश को चुने हुए वेल ट्रेंड, शारीरिक व मानसिक रूप से प्रौढ़ व इंटैलिक्चुअली सार्प जूनियर लीडर देते रहे हैं और देते रहेंगे. पहले टेक्निकल इंट्री स्कीम का पांच साल पूरा ट्रेनिंग पीरियड था, जिसे भारतीय सेना ने संशोधित करते हुए तीन वर्ष का थ्री प्लस वन मॉडल में किया है. ये ट्रेनिंग चलती रहेगी. गया ओटीए को अब तक जवाबदेही बेसिक मिलिट्री ट्रेनिंग की थी, अब वह जिम्मेदारी इंडियन मिलिट्री एकेडमी देहरादून को दे दी गयी है. अब ट्रेनिंग शॉर्ट सर्विस कमीशन टेक्निकल मेन एंड वीमेन को ट्रेनिंग देने की है. यह टास्क ओटीए गया को दिया गया है. शार्ट सर्विस कमीशन का अक्तूबर में नया सेकेंड टर्म बढ़कर 190 से चार सौ के पार या 450 तक हो जायेगा. संसाधन के हिसाब से क्षमता बढ़ायी जाती रहेगी. इस बार एससीओ व टीइएस के पास आउट हो रहे 118 में उत्तर प्रदेश के सबसे अधिक 23, हरियाणा के 10, उतराखंड के आठ व बिहार के तीन अफसर कमीशन प्राप्त कर रहे हैं. कोई सिविल से कोई आर्मी से हैं. ओटीए में फिलहाल 770 के आसपास सिविल डिफेंस के कर्मी हैं, जिसमें सबसे अधिक बिहार के हैं. अब जो ट्रेनिंग होनी है, उसमें गया व बिहार के लड़के-लड़कियों को ज्यादा लाभ मिलेगा. अब जो टर्म होगा, शॉर्ट सर्विस कमीशन अब मार्च से सितंबर व अक्तूबर से मार्च तक चलेगा. लगभग एक वर्ष की ट्रेनिंग है. इनमें छुट्टियों को हटा दें, तो 10 माह की ट्रेनिंग होगी. इनकी एवरेज उम्र 23.5 वर्ष की है. इनकी शैक्षणिक योग्यता बीटेक है, जो एक्सपर्ट हैं. बाहर में काम करके आ रहे हैं. गया ओटीए से पास आउट होकर बनेंगे 118 सैन्य अधिकारी गया़ ओटीए गया से आठ जून को 25वीं पासिंग आउट परेड और होनेवाली पिपिंग सेरेमनी में 118 कैडेट्स पास आउट होकर सैन्य अधिकारी के रूप में देश की सेवा को समर्पित किये जायेंगे. टीइएस-43 कोर्स से 60 व एससीओ-52 कोर्स से 58 कैडेट्स इस बार पास आउट होंगे. एससीओ के पास आउट होनेवाले 60 सैन्य अधिकारियों में 15 असम रायफल्स के हैं. पासिंग आउट परेड के एक दिन पहले यानी सात जून की शाम मल्टी एक्टिविटी डिसप्ले होगा, जिसमें कैडेट्स व सैन्य अधिकारी सैन्य करतब व युद्ध कौशल दिखायेंगे. इन दोनों कार्यक्रमों के मुख्य अतिथि निरीक्षी अधिकारी इस बार चीफ डिफेंस स्टाफ (सीडीएस) जनरल अनिल चौहान होंगे. इससे पहले सोमवार को ओटीए गया के विजय ऑडिटोरियम में कमांडेंट अवार्ड सेरेमनी का आयोजन किया गया. इसमें कमांडेंट लेफ्टिनेंट जनरल परमजीत सिंह मिन्हास ने पास आउट हो रहे वैसे कैड्टेस जिन्होंने पूरी ट्रेनिंग के दौरान के विभिन्न प्रतिस्पर्धाओं में बेहतर प्रदर्शन व ओवरऑल बेहतर प्रदर्शन करनेवाले कैडेट्स को ट्रॉफी व मेडल देकर सम्मानित किया व उनका हौसला बढ़ाया. उन्होंने कैडेट्स को संबोधित भी किया. उन्होंने कैडेट्स को सफलता का पाठ पढ़ाया और कहा कि मानसिक व शारीरिक संतुलन नहीं बिगड़ना चाहिए. जीवन में उतार-चढ़ाव आते रहते हैं. जीवन में उच्च लक्ष्य रखें और उसे भेदने की हर संभव कोशिश करें. ट्रॉफी व मेडल से नवाजे गये कैडेट्स व बटालियन कमांडेट अवार्ड सेरेमनी के दौरान कमांडेंट बैनर स्प्रींग टर्म 2024 के बेहतर प्रदर्शन करनेवाली बत्रा बटालियन को दिया गया. कालीधर कंपनी को ओवरऑल सेकेंड कंपनी पॉजिशन का जेनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ एआरटीआरएसी बैनर सौंपा गया. इस बार के ओवरऑल बेस्ट चैंपियन का अवार्ड वेस्टर्न कमांड ट्रॉफी गुरेज कंपनी को व तिथवाल कंपनी को साउथ वेस्टर्न कमांड ट्रॉफी, जबकि चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ मोटिवेशनल ट्रॉफी बेहतर प्रदर्शन करनेवाली खेत्रपाल बटालियन को दिया गया. फस्ट इन ऑर्डर ऑफ मेरिट के लिए जेनरल अफसर कमांडिंग इन चीफ एआरटीआरएसी गोल्ड मेडल कैडेट सव्यसांची सोनी को मिला. कंबाइंड ओवरऑल ऑर्डर ऑफ मेरिट कमांडेंट सिल्वर मेडल व इस्टर्न कमांड ट्रॉफी दी गयी. बेस्ट इन ड्रिल का मेडल व ट्रॉफी तिथवाल कंपनी के सन्नी देओल को, वेपन ट्रेनिंग की ट्रॉफी व कमांडेंट सिल्वर मेडल रिजांगला कंपनी के अनिल कुमार को, बेस्ट अफसर कैडेट इन फिजिकल ट्रेनिंग के लिए सिख रेजिमेंट को सिल्वर मेडल व रिटेन टेस्ट ऑफ ऑल सर्विस सब्जेक्ट का अवार्ड गुरेज कंपनी के धन बहादुर गुरुंग को दिया गया. अन्य सफल कैडेट्स को भी अवार्ड देकर नवाजा गया और उनका हौसला बुलंद किया गया.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

Next Article

Exit mobile version