गया नगर निगम के आंतरिक संसाधनों को बढ़ाने के लिए सरकार ने खुद सड़कों के वर्गीकरण और होल्डिंग टैक्स के निर्धारण का आदेश दिया है. वर्तमान में, होल्डिंग टैक्स से निगम को अपने कर्मचारियों को वेतन देने में आत्मनिर्भर होने के लिए भी पर्याप्त धन नहीं मिलता है. इसको देखते हुए नये वित्तीय वर्ष में सड़क वर्गीकरण के बाद बढ़े हुए टैक्स की वसूली पर निर्णय लिया जा सकता है. नये होल्डिंग टैक्स के तहत निगम के आंतरिक संसाधनों को मजबूती मिलने की संभावना है.
प्राइवेट एजेंसी से करायी जा रही होल्डिंग टैक्स की वसूली
करीब 10 वर्षों से होल्डिंग टैक्स की वसूली कमीशन देकर प्राइवेट एजेंसी से करायी जा रही है. इससे पहले यहां पर सात-आठ करोड़ होल्डिंग टैक्स की वसूली साल में हो पाती थी. प्राइवेट एजेंसी के जिम्मेदारी लेने के बाद यह वसूली 20 करोड़ तक पहुंच गयी है. अब नये दर पर वसूली में यह रकम डेढ़ से दोगुनी तक होने की संभावना व्यक्त की जा रही है. हालांकि, सड़क वर्गीकरण में कई तरह की त्रुटियां अब से निगम में शिकायत के रूप में पहुंचने लगी है.
निगम से ही 63 रोड को प्रधान मुख्य सड़क में शामिल करने का प्रस्ताव विभाग को दिया गया था. लेकिन, शिकायत मिलने के बाद जांच दोबारा करायी जा रही है. कुछ जगहों पर थोड़ा बहुत बदलाव भी करने के संकेत मिल रहे हैं. इसके अलावा टैक्स जमा करने के लिए अब लाइन लगाने की जरूरत भी नहीं पड़ेगी. ऑनलाइन भी टैक्स जमा कर रसीद लिया जा सकता है.
गया नगर निगम बोर्ड की बैठक में उठा मामला
तीन दिन पहले बोर्ड की बैठक में भी इस मामले को पार्षद की ओर से उठाया गया. इसके बाद त्रुटियों को जांच कर समाप्त करने का प्रस्ताव दिया गया. इस पर सभी पार्षदों ने सहमति जतायी. निगम सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बढ़े हुए टैक्स देने में हर कोई आनाकानी करने लगा था. एकाएक टैक्स में बढ़ोत्तरी को लोग स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं.
क्या हैं आंकड़े
- होल्डिंग की संख्या- 79,000
- वर्ष में टैक्स वसूली- 17 से 20 करोड़
- मुख्य सड़क पर टैक्स वसूली की रेट- 30 रुपये वर्ग फुट
- प्रधान मुख्य सड़क में शामिल होने पर- 51.75 रुपये वर्ग फुट
किसी को परेशान करने का कतई मकसद नहीं
होल्डिंग टैक्स को लेकर निर्णय सरकार के स्तर पर लिया गया है. निगम से किसी को परेशान करने का कोई मकसद नहीं है. पहले की गयी अनुशंसा में कुछ त्रुटियां थीं. उसे सुधारा जा रहा है. हर किसी की शिकायतों पर गहनता से जांच कर सही तथ्य रहने पर बदलाव किया जा रहा है. नियम से अधिक किसी को टैक्स वसूलने की मंजूरी नहीं दी जा सकती है. नये वित्तीय वर्ष में बदले हुए टैक्स वसूली पर विचार किया जायेगा. इसमें हर स्तर पर विचार-विमर्श किया जा रहा है.
डॉ वीरेंद्र कुमार उर्फ गणेश पासवान, मेयर