टूटा शेड, गंदा शौचालय; गया जंक्शन पर छोटी-छोटी बुनियादी जरूरतों के लिए जूझ रहे लोग
गया जंक्शन को विश्वस्तरीय बनाने की योजना है. जिसके लिए नए भवन का निर्माण हो रहा है. लेकिन इस निर्माण के लिए स्टेशन परिसर और प्लेटफॉर्म पर कई जगह तोड़फोड़ की गई है. ऐसे में बीते छह महीने से यात्रियों को कई तरह की सुविधाओं से वंचित रहना पड़ रहा है.
Gaya Junction Redevelopment Project: गया रेलवे स्टेशन पर करीब छह महीने से मूलभूत सुविधाओं के लिए लोगों को जूझना पड़ रहा है. गौरतलब है कि यहां स्टेशन भवन को दोबारा बनाया जा रहा है. ऐसे में कई जगहों पर व्यापक तोड़फोड़ की गयी है. ऐसे में लोग कई सुविधाओं से वंचित हैं. ताजा उदाहरण के तौर पर देखा जाये, तो एक नंबर प्लेटफॉर्म से राजधानी सहित महत्वपूर्ण ट्रेनों का परिचालन किया जाता है, लेकिन इस प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के बैठने के लिए प्रतीक्षालय, शेड, शौचालय, स्नानघर या अन्य सुविधाएं नहीं हैं. प्लेटफॉर्म के अंतिम छोर पर लाइट की भी सुविधा नहीं है. स्थानीय लोगों ने यहां शौचालय, पेयजल, शेड व अन्य समुचित व्यवस्था की मांग की है. खास बात है कि हर दिन रेलवे के वरीय अधिकारियों की टीम निरीक्षण करने आती है, पर उसका असर धरातल पर नहीं दिखता.
डेल्हा साइड में मिल रहीं जरूरी सुविधाएं
रेलवे अधिकारियों की ओर से डेल्हा साइड हर सुविधाएं धीरे-धीरे शुरू कर दी गयी हैं. डेल्हा साइड प्रवेश-निकास द्वार, महिला प्रतीक्षालय, पुरुष प्रतीक्षालय, फर्स्ट क्लास वेटिंग हॉल व अन्य सुविधा शुरू कर दी गयी हैं. हालांकि, यह सुविधा सिर्फ सात नंबर, छह नंबर, पांच नंबर व चार नंबर प्लेटफॉर्म पर आनेवाले यात्रियों को मिल सकती है. यात्रियों की मांग है कि डेल्हा साइड जो-जो सुविधाएं उपलब्ध करायी गयी हैं, वह सारी सुविधाएं एक नंबर प्लेटफॉर्म पर करायी जाये.
एस्केलेक्टर व लिफ्ट की सुविधा बंद
स्टेशन पर काम चलने के दौरान एस्केलेटर व लिफ्ट की सुविधा बंद कर दी गयी है. स्टेशन पर जहां-तहां तोड़-फोड़ करने के कारण यात्रियों को एक प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर जाने में परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. बुजुर्ग व दिव्यांगों को ज्यादा दिक्कत है.
जहां-तहां शेड टूटने से परेशान हैं यात्री
एक नंबर प्लेटफॉर्म जहां-तहां शेड टूटने से यात्रियों को बैठने या फिर आराम करने में परेशानी हो रही है. टूटा हुआ बिल्डिंग का मलबा जहां-तहां फेंकने से रेलयात्रियों को परेशानी हो रही है. एक नंबर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों के लिए शौचलय, स्नानघर, शेड, बैठने के लिए कुर्सी व अन्य सुविधाएं नहीं हैं. प्लेटफॉर्म पर अतिरिक्त शौचालय बनाया गया है, लेकिन गंदगी का अंबार लगा हुआ है.
फुट ओवरब्रिज की छांव में बैठते हैं यात्री
एक नंबर प्लेटफॉर्म पर बने फुट ओवरब्रिज के छांव पर बैठने पर यात्री मजबूर है. शेड नहीं रहने के कारण भीषण गर्मी में खुले आसमान के नीचे यात्रियों को धूप का सामना करना पड़ता है. बरसात के दिनों में भी यात्रियों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ेगा.
क्या कहते हैं एसोसिएशन के अध्यक्ष
गया एक बड़ा स्टेशन है. यहां प्रतिदिन 60-70 हजार यात्रियों का आवागमन होता है. एक नंबर प्लेटफॉर्म पर यात्रियों को छोटी-छोटी सुविधाओं पर रेलवे अधिकारियों का ध्यान होनी चाहिए. स्टेशन को जहां-तहां तोड़-फोड़ करने के बाद काफी परेशानी हो रही है.
क्या कहते हैं प्रतिज्ञा संस्थान के अध्यक्ष
गया जंक्शन दक्षिण बिहार का सबसे बड़ा स्टेशन है. यहां पुराने भवन को तोड़कर महीनों से नया व आधुनिक भवन बनाया जा रहा है. बाहरी परिसर स्थित डीलक्स शौचालय को भी बंद कर दिया गया है. ऐसी स्थिति में यहां से नित्य-दिन आने-जाने वाले हजारों रेल यात्रियों को परेशानी हो रही है.
क्या कहते हैं रेलयात्री
- गया रेलवे स्टेशन पर जहां-तहां तोड़-फोड़ कर दिया गया है. एक नंबर प्लेटफॉर्म पर बैठने की जगह नहीं है. ट्रेनों का इंतजार हमलोग खड़े होकर करते है. रेलवे को ध्यान देने की जरूरत है. – पंकज कुमार
- गया रेलवे स्टेशन को तोड़ने से पहले छोटे-छोटे सुविधाओं को पूरा कर लेना चाहिए था. इसके बाद तोड़-फोड़ करना चाहिए था. एक नंबर प्लेटफॉर्म पर एस्केलेटर व लिफ्ट बंद है. यात्रियों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है. – दीपक राय
- एस्केलेटर व लिफ्ट बंद रहने के कारण एक नंबर प्लेटफॉर्म से दूसरे प्लेटफॉर्म पर हांफते हुए जाना पड़ता है. दिव्यांग व बुजुर्ग महिलाओं की ओर रेलवे की आवश्यकता है. – शीला देवी
- स्टेशन परिसर में कामकाज शुरू होने से पहले डिलक्स शौचालय को बंद कर दिया गया है. यात्रियों को शौचालय के लिए इधर, उधर भटकना पड़ता है. एक नंबर प्लेटफॉर्म पर छोटे-छोटे सुविधाओं से वंचित कर दिया गया है. – अंजू देवी