गया न्यूज : फार्मेकोन क्लब के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को करें साकार : कुलपति
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फार्मेकोन क्लब की स्थापना एक अनूठी पहल है. इससे चिकित्सा से जुड़े विभिन्न आयामों तथा मेडिसिन के क्षेत्र में होने वाले नये-नये अविष्कारों से भी रूबरू होने का मौका मिलेगा. मैं यह आशा करता हूं कि इस क्लब के माध्यम से होने वाली गतिविधियों से विश्वविद्यालय के फार्मेसी विभाग के प्रति विद्यार्थियों तथा शोध वैज्ञानिकों की रूचि बढ़ेगी. यह पहल भारत को एक विकसित राष्ट्र बनाने के लक्ष्य को साकार करने में भी काफी सहायक होगी. उक्त बातें दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (सीयूएसबी) के कुलपति प्रोफेसर कामेश्वर नाथ सिंह ने स्कूल ऑफ हेल्थ साइंस के फार्मेसी विभाग अंतर्गत स्थापित फार्मेकोन क्लब के उद्घाटन समारोह में कहीं. कुलपति ने स्कूल के डीन, विभागाध्यक्ष, प्राध्यापकों, विद्यार्थियों व शोधार्थियों को फार्मेकोन क्लब के लिए बधाई देते हुए फार्मेसी के क्षेत्र में नवाचार के लिए प्रेरित किया.सीयूएसबी के पीआरओ मोहम्मद मुदस्सीर आलम ने बताया कि इस अवसर पर कुलपति प्रो केएन सिंह के साथ मुख्य अतिथि वक्ता के रूप में डॉ चरण सिंह (पीएचडी, एसआइआरइ फेलो, ऑस्टिन, यूएसए में टेक्सास विश्वविद्यालय, आइबीआरओ इएफ, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया) फार्मास्युटिकल साइंस विभाग एचएनबीजीयू, उत्तराखंड व डॉ आरती सिंह (पीएचडी, आइबीआरओ एपीआरसी पोस्टडॉक्टरल फेलो, सिंगापुर विश्वविद्यालय) स्कूल ऑफ हेल्थ साइंस एंड टेक्नोलॉजी, यूपीइएस, देहरादून उपस्थित थे. कार्यक्रम की शुरुआत में कुलपति के फार्मेकोन क्लब का औपचारिक उद्घाटन से हुई. मुख्य अतिथियों के साथ इस अवसर पर स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज के डीन प्रो सुभ्रत कुमार भट्टमिस्र, फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष प्रो विवेक दवे, प्रो रिजवानुल हक, प्रो किरण कुमारी, डॉ जावेद अहसन, डॉ अरुण कुमार व डॉ बिभाष चंद्र मोहंता आदि शोधार्थियों एवं विद्यार्थियों के साथ मौजूद रहे.
फार्मेसी विभाग के छात्रों व शिक्षकों की एक नयी पहल है फार्मेकोन क्लब
जेब्राफिश मॉडल का उपयोग करते हुए न्यूरो बायोलॉजिकल अनुसंधान विषय पर आयोजित एक दिवसीय संगोष्ठी की शुरुआत में फार्मेसी विभाग के अध्यक्ष प्रो विवेक दवे ने स्वागत भाषण दिया और मुख्य अतिथियों का स्वागत किया. उन्होंने कहा कि यह क्लब फार्मेसी विभाग के छात्रों व शिक्षकों की एक नयी पहल है. फार्मेकोन क्लब के तहत भविष्य में लेक्चर सीरीज, वैज्ञानिक सत्र व सह-पाठ्यक्रम गतिविधियां आयोजित की जायेंगी. संगोष्ठी में जेब्राफिश को मस्तिष्क अनुसंधान के एक महत्वपूर्ण मॉडल के रूप में उपयोग करने पर चर्चा की गयी. अतिथि व्याख्यान में डॉ चरण सिंह व डॉ आरती सिंह ने जेब्राफिश न्यूरो बायोलॉजी और रोग पर व्याख्यान दिया, जिसमें इस अद्वितीय मॉडल पर चल रहे शोध के बारे में गहन जानकारी साझा की गयी. अतिथि वक्ताओं से शोधकर्ताओं, छात्रों व शिक्षकों को जेब्राफिश मस्तिष्क अनुसंधान पर अपनी जानकारी को विस्तारित करने का एक उत्कृष्ट मंच प्राप्त हुआ. संगोष्ठी का समापन फार्मेसी विभाग के डीन प्रो सुभ्रत कुमार भट्टमिस्र के धन्यवाद ज्ञापन और स्मृति चिह्न वितरण के साथ हुआ. अंत में राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम का समापन किया गया. इस कार्यक्रम को सफल बनाने में छात्र समन्वयक सत्याम शेखर, खुशबू प्रसाद, शशि रंजन, अरुमॉय ब्रह्मा व नितिन ठाकुर का विशेष योगदान रहा.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है